बिंदल जी! हमीरपुर कितनी की दूर

By: Jan 18th, 2020 12:30 am

अनदेखी की मार झेल रहे जिला को अब संगठन से आस

हमीरपुर  – उत्तरायण पक्ष में मोक्ष ढूंढ रही कांग्रेस की नैया कब और कैसे किनारे लगेगी इस बारे में तो अभी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती, लेकिन वर्ष 2017 के विधानसभा चुनावों के बाद से लगातार हाशिये पर चल रहे सत्ता का केंद्र कहे जाने वाले हमीरपुर जिला और खासकर धूमल खेमे के लोगों की निगाहें भाजपा की गठित होने वाली प्रदेश की नई कार्यकारिणी पर हैं। प्रदेश भाजपा के नए कप्तान डा. राजीव बिंदल की शनिवार को ताजपोशी होने वाली है। अब तक कांग्रेस से दो कदम रहने वाली भाजपा जाहिर है अध्यक्ष की ताजपोशी के बाद प्रदेश कार्यकारिणी का विस्तार भी जल्द करेगी। बाकी ग्यारह जिलों को छोड़कर बात अगर हमीरपुर जिले की करें तो दो साल से धूमल खेमा यहां खुद को हाशिये पर देखते हुए संगठन में वो भूमिका नहीं निभा पाया है, जो कि प्रो. धूमल के बतौर मुख्यमंत्री या फिर विपक्ष के नेता के वक्त रहा करती थी। यूं कहें कि जो ओहदे उन्हें मिले थे, उन्हें वे दो साल से केवल ढो रहे हैं और औपचारिकताएं ही निभा रहे हैं। इसका कारण भी है, क्योंकि न उन्हें शिमला से किसी ने आवाज लगाई, न ही वह कुछ कह सके। नतीजा डेढ़ सौ किलोमीटर की दूरी सियासत की पटरी पर कोसों दूर बढ़ गई। उन्हें सरकार में तो कोई ओहदा मिल नहीं पाया ऐसे में अब संगठन में अच्छी पदवी की आस कहीं न कहीं उनमें होना लाजिमी है। डा. राजीव बिंदल काफी सुलझे हुए और दूरदर्शी नेता रहे हैं। धूमल सरकार में वे स्वास्थ्य मंत्री भी रहे हैं। ऐसा भी माना जाता है कि समीरपुर के साथ उनकी काफी नजदीकियां भी रही हैं और अभी भी होंगी, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता। हालांकि सियासत में वक्त और परिस्थितियां हमेशा एक जैसी नहीं रहतीं। ऐसे में अब गौर करने वाली बात यह होगी कि बिंदल की कार्यकारिणी में हमीरपुर कितना करीब नजर आता है।


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