बिजली कंपनियों के महंगे समझौते रद्द करे सरकार

चंडीगढ़ – पंजाब आम आदमी पार्टी (आप) ने बिजली दरों में की जा रही बार-बार वृद्धि के खिलाफ संघर्ष तेज करते हुए पिछली बादल सरकार में निजी कंपनियों के साथ किए मंहगे समझौतों को रद्द करने की मांग की है। आप पार्टी की सभी जिला इकाइयों ने मंहगी बिजली के विरोध में अपने-अपने जिला उपायुक्तों के जरिये सरकार को मांग पत्र सौंपे। पार्टी ने सरकार से मांग की है कि पिछली अकाली सरकार की तरफ से सरकारी थर्मल प्लांटों की कुर्बानी दे कर निजी थर्मल प्लांटों के साथ किये गए घातक और एकतरफा बिजली खरीद समझौते (पीपीएज) रद्द किए जाएं। पार्टी ने अपने ज्ञापन में 2017 के विधानसभा चुनाव से पहले कैप्टन अमरिन्दर सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस के घोषणापत्र के पेज नंबर 96,97 और 98 का विशेष तौर पर हवाला दिया है जिसमें निजी थर्मल कंपनियों के साथ किये समझौते रद्द करने और पावर काम की पिछले पांच सालों की कारगुजारी का आडिट करवाने समेत कुल 10 वादे किए गए थे। आप ने आरोप लगाया कि अमरिन्दर सरकार ने अपने चुनाव घोषणापत्र में किए इन दस वायदों में से एक भी वायदा पूरा नहीं किया जिस कारण निजी बिजली कंपनियों के दबाव में बार-बार बिजली महंगी की जा रही है। बिजली मोर्चे की कमान संभाल रहे बरनाला के विधायक हेयर ने कहा कि कैप्टन सरकार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार की बिजली नीति से सबक लेने की जरूरत है क्योंकि पिछले पांच सालों में वहां बिजली महंगी होने की जगह सस्ती हुई है।