भारत को खुली अर्थव्यवस्था की जरूरत, चीन-US की नीति अपनाना खतरनाक : फरीद जकारिया
भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से गुजर रही है. मौजूदा आर्थिक हालात इस बात की इजाजत नहीं देते कि भारत सरंक्षणवाद की राह पर चले. अगर भारत संरक्षणवाद के तर्ज पर खुद को आगे बढ़ाता है, तो यह भारत के लिए अच्छा नहीं होगा. यह कहना है वैश्विक स्तर पर जाने-माने पत्रकार और अर्थव्यवस्था के जानकार फरीद जकारिया का.
दावोस 2020 में इंडिया टुडे ग्रुप के न्यूज डायरेक्टर राहुल कंवल से एक्सलूसिव बातचीत में फरीद जकारिया ने कहा कि विश्व आर्थिक मंच (WEF) हमेशा खुले व्यापार नीतियों के लिए जाना जाता रहा है, लेकिन अब वक्त बदल गया है.
फरीद जकारिया ने कहा, ‘दावोस के एक कार्यक्रम के दौरान अमेरिका के राष्ट्रपति ने दुनिया को समझाया कि वे कैसे व्यापार, सीमित आव्रजन और नियंत्रित प्रौद्योगिकी को प्रबंधित करना चाहते थे. चीन अपनी तकनीक संरक्षित कर निश्चित सीमा में मुक्त व्यापार को मंजूरी देता है. और इसलिए हम खुलेपन की जगह मैनेज्ड तरीके से आगे बढ़ गए.’
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