भारत बंद…भारी ठंड में मजदूर आगबबूला

जिला भर में मजदूर यूनियनों ने केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ बोला हल्ला

मंडी-तेज बारिश के बीच भी बुधवार को मंडी शहर नारेबाजी और धरना प्रदर्शनों से गूंजता रहा। केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशन के संयुक्त मंच के आवाहन पर मंडी में सीटू, आईटीयूसी, आईएनटीयूसीए, बीईएफ आई ने बरिश के बीच संयुक्त प्रदर्शन किया। धरने में बड़ी संख्या में अांगनबाड़ी वर्कर भी शामिल रहीं। इस दौरान पडडल से रैली निकालकर पूरे शहर में केंद्र सरकार के खिलाफ  प्रदर्शन किया। सीटू के जिला सचिव राजेश कुमार ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद केंद्र सरकार द्वारा देश की मजदूर कर्मचारी जमात पर लगातार हमले किए जा रहे हैं और 44 श्रम कानूनों को लेबर कोड में बदलने के निर्णय को अमल में लाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थाई नौकरी को समाप्त करके कॉन्ट्रैक्ट ठेका और आऊटसोर्स के आधार पर भर्तियां की जा रही है। सरकार फि क्स टर्म ईमपलाईमैंट की अधिसूचना को रद्द करें। उन्होंने कहा कि वह सरकार से मांग करते हैं कि मजदूरों का न्यूनतम वेतन 21000 प्रतिमाह घोषित किया जाए और इसे उपभोक्ता मूल्य सूचकांक के साथ जोड़ा जाए। उन्होंने कहा कि मनरेगा मजदूरों को कम से कम 120 दिन का काम किया जाए तथा उन्हें न्यूनतम वेतन दिया जाए उन्होंने कहा केंद्र सरकार के सभी विभागों में महिला कर्मचारियों को पहले की भांति 2 वर्ष की चाइल्ड केयर लीव दी जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती है तो आने वाले समय में और उग्र आंदोलन किया जाएगा।

बालीचौकी में प्रदर्शन

बालीचौकी। बालीचौकी में बुधवार को मिड-डे मील यूनियन व भारत की जनवादी नौजवान सभा ने अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन के भारत बंद के आह्वान पर बालीचौकी में प्रदर्शन किया। उन्होंने प्रधानमंत्री को उपमंडल अधिकारी (नागरिक) के माध्यम से मांग पत्र सौंपा । गौरतलब है कि केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर, किसान, युवा विरोधी नीतियों के चलते अखिल भारतीय मजदूर यूनियनों ने भारत बंद का आह्वान किया था।  नौजवान सभा ने भी इस अभियान में सहयोग देने की बात कही थी, जिसके चलते बालीचौकी में प्रदर्शन किया गया।