मंडी में भारतीय मजदूर संघ का हल्ला बोल

मंडी शहर में मांगों को लेकर किया धरना-प्रदर्शन

मंडी –भारतीय मजदूर संघ ने अपनी मांगों को लेकर मंडी शहर में शुक्रवार को धरना-प्रदर्शन किया। इस मौके पर संघ के कई सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान संघ ने अपनी मांगों को लेकर डीसी मंडी के माध्यम से पीएम नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भी भेजा। इस मौके पर संघ के प्रधान हेमराज ठाकुर व सचिव जय सिंह ठाकुर ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार मजदूर संघ ने हमेशा ही कामगारों की भलाई के लिए काम किया है। उन्होंने 1955 में संघ की स्थापना से लेकर अब तक बिना किसी निहित स्वार्थ के कामगारों की भलाई के लिए काम किया है। मगर सरकारों का मजदूरों के प्रति हमेशा ही नकारात्मक रवैया रहा है। उन्होंने कहा कि संघ भविष्य में भी साकारात्मक रूप से कार्य करता रहेगा। संघ ने केंद्र सरकार से मांग की कि आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए, तब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता, इन्हें न्यूनतम वेतन व सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए। इसके अलावा आंगनबाड़ी मिड-डे मील कार्यकर्ताओं को भी सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए, जब तक इन्हें सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया जाता है तब तक उन्हें न्यूनतम वेतन व सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाए। भारतीय मजदूर संघ ने विनिवेश नीति का भी कड़ा विरोध किया। साथ ही मांग की कि सरकारी उपक्रमों की बिक्री बंद की जाए। निवेश एफडीआई पर भी रोक लगाई जाए। संघ ने पुरानी पेंशन बहाली को पुनः लागू करने की भी मांग उठाई, जो 2004 में बंद हो गई है। प्रदेश में विभिन्न विभागों में आउट सोर्सिंग पर जो भी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं, उन्हें नियमित करने के लिए नीति बनाई जाए तथा निश्चित अवधि रोजगार को समाप्त किया जाए तथा सभी अस्थायी कर्मचारियों जैसे ठेका मजदूर, कैजुअल वर्कर, दैनिक वेतन भोगी कामगार आउटसोर्स वर्कर आदि को स्थायी किया जाए। ठेकेदारी प्रथा के अधीन काम कर रहे श्रमिकों को समान काम व समान वेतन दिया जाए। औद्योगिक क्षेत्रों में कामगारों को भविष्य निधि योजना व राज्य कर्मचारी बीमा योजना भी लागू की जाए। इसके अलावा न्यूनतम पेंशन की राशि कम से कम पांच हजार प्रति माह दी जाए। राज्य परिवहन निगम व बिजली बोर्ड के निजीकरण पर रोक लगाई जाए। सभी संहिताओं से श्रमिक विरोध प्रावधानों को हटाया जाए। निर्माण क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों की भांति अन्य असंगठित क्षेत्र में कार्यरत मजदूरों के लिए भी कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए। महंगाई पर रोक व बेरोजगारी समाप्त की जाए। ग्रामीण डाक सेवकों को सरकारी कर्मचारी बनाया जाए। सरकारी स्कूलों में प्री प्राइमरी क क्षा में जीबीटी अध्यापिकाओं की बजाय प्रशिक्षित नर्सरी अध्यापिकाओं की नियुक्ति की जाए।