मलारी सहकारी सभा का चुनावी विवाद थमा

जांच अधिकारी ने उपपंजीयक सहकारी सभाएं केंद्रीय मंडल मंडी को भेजी रिपोर्ट

बरठीं –पिछले कुछ दिनों से दि मलारी बहुउद्देश्यीय सहकारी सभा समिति में चल रहा चुनावी विवाद जांच पड़ताल के बाद थम गया है। बंद कमरे में नियमों को ताक पर रख कर करवाए गए चुनावों में बड़े पैमाने पर धांधली सामने आने के बाद जांच अधिकारी ने उपपंजीयक सहकारी सभाएं केंद्रीय मंडल मंडी को अपनी रिपोर्ट भेज दी है। अब से आगामी कार्रवाई अमल में लाई जानी बाकी है। बरठीं में सहकारी सभा के शेयर होल्डरों और शिकायत कर्ता कैप्टन प्रीतम सिंह चंदेल, कुलदीप शर्मा, सुरेश सेन, राजकुमार महाजन, राजेंद्र सेन, कर्म सिंह सेन, बलवीर सिंह सेन, बनारसी दास अत्री व रतन चंद सहित अन्य लोगों ने जांच के बाद निर्णय की प्रति दिखाते हुए कहा कि सचिव द्वारा बड़े पैमाने में सहकारी सभा में घोटाले को छिपाने के उद्देश्य से बंद कमरे में चुनाव करवा लिए थे।  उन्होंने बताया कि इसकी शिकायत उन्होंने सहायक पंजीयक बिलासपुर को की थी, जिसकी जांच में पाया गया कि सचिव द्वारा चुनाव अनुमोदित कार्यक्रम अनुसार नहीं करवाए गए, न ही इसकी सूचना किसी को दी गई। उन्होंने कहा कि जांच में यह भी पाया गया कि जिस सभा के 1500 से ज्यादा सदस्य हों, उसकी सूचना समाचार पत्र के माध्यम से भी दी जानी थी। ऐसा नहीं किया गया, न तो कोई नोटिस लगाया गया और मिलीभगत से नौ वार्डों में से सात सदस्य यथावत रखे गए, जबकि दो नए सदस्य मनोनीत कर लिए गए। उन्होंने कहा कि जिला अंकेक्षण अधिकारी द्वारा की गई जांच में यह खुलासा किया गया है कि चुनाव प्रक्रिया में नियमों में दिए गए प्रावधानों के अनुसार सभा सदस्यों को सही ढंग से सूचना न देकर नियमों की अनदेखी की गई है। अतः चुनाव संवैधानिक प्रक्रिया से नहीं करवाए गए, जिसकी रिपोर्ट उन्होंने उपपंजीयक मंडी को प्रेषित कर दी है।