रियल एस्टेट को बनाएं इन्फ्रा

इस बार बजट में उद्योग जगत की सरकार से मांग

नई दिल्ली – उद्योग जगत ने रियलटी क्षेत्र को पटरी पर लाने और मांग बढ़ाने के लिए मध्यम वर्ग को अगले वित्त वर्ष के बजट में विशेष राहत दिए जाने की अपील करते हुए इस क्षेत्र ने किफायती आवास वर्ग को इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिए जाने की उम्मीद जताई  है। गौड़ ग्रुप के प्रबंध निदेशक एवं क्रेडाई की किफायती आवास समिति के अध्यक्ष मनोज गौड़ बजट को लेकर अपनी अपेक्षायें व्यक्त करते हुए कहा कि आगामी बजट को बड़ी उम्मीदों के साथ देखा जा रहा है, क्योंकि यह एक ऐसा दिन हो सकता है, जब बहुत सारे नीतिगत फैसलों को रियल एस्टेट सेक्टर के कामकाज को सुचारू बनाने के लिए घोषित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि रियलटी क्षेत्र को इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिए जाने की मांग बहुत दिनों से की जा रही है और उम्मीद है कि बजट में इस दिशा में कोई घोषणा की जाएगी। उन्होंने कहा कि एक आवासीय परियोजना शुरू किए जाने पर न सिर्फ हजारों मजदूर को रोजगार मिलता है बल्कि 150 से अधिक उद्योगों को भी ऑर्डर मिलते हैं और कुल मिलाकर अर्थव्यवस्था को गति मिलती है। उन्होंने कहा कि जीएसटी में इनपुट टैक्स क्रेडिट की फिर से शुरुआत की जानी चाहिए। इसे पिछले वर्ष वापस ले लिया गया था। इनपुट टैक्स क्रेडिट लाभ के साथ, संपत्ति की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी। जीएसटी के दायरे में स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क भी लाना अगर बजट में शामिल होता है तो इसकी बहुत सराहना की जाती। उद्योग संगठन एसोचैम की राष्ट्रीय परिषद (किफायती आवास) के अध्यक्ष एवं सिग्नेचर ग्लोबल के संस्थापक प्रमुख प्रदीप अग्रवाल ने किफायती आवास क्षेत्र को इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिए जाने की अपील करते हुए कहा कि यह बहुत पुरानी मांग है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढाँचे की दिशा में निवेश के बारे में पिछले साल जो घोषणाएं की गई थीं, उसका इस बार क्रियान्वयन किए जाने की संभावना है।