लाखों से बना स्कूल भवन बदहाल

By: Jan 19th, 2020 12:20 am

सालों से मरम्मत के लिए तरस रहा घासणु स्कूल, खंडहर बनने की कगार पर आईपी लैब

गागल – सरकारी विभागों में बदइंतजामी का उदाहरण बने घासणु स्कूल के परिसर में दो कमरों का भवन, जिसे सालों पहले आईपी लैब हेतु लाखों रुपए के बजट से बनाया गया था। फिनिशिंग के अभाव में खंडहर बनने के कगार पर पहुंच गया है। कमरों की खिड़कियों की चौखटे उखड़ने लग पड़ी हैं तथा लोहे की ग्रिलें जंग से सड़ रही हैं। बरामदे और आसपास गंदगी भरी पड़ी है तथा पिछवाड़े में कंटीली झाडि़यां बढ़कर समूची दीवारों को अपने आगोश में ले चुकी हैं। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला घासणु के एसएमसी प्रधान रणजीत सिंह के अनुसार इस भवन की फिनिशिंग के लिए  बार-बार शिक्षा विभाग तथा सरकार से धन की मांग की गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। उन्होंने बताया कि महीना भर पहले भी उन्होंने सरकार के ऑनलाइन पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई थी, लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई है। अतः धन के अभाव में लाखों की लागत से बनी ये आईपी लैब का भवन दिनोदिन दुर्दशा को प्राप्त हो रहा है। प्रधानाचार्य प्रभुदयाल सिंह ठाकुर ने बताया कि उन्होंने भी कई बार इस भवन की हालत विभाग के संज्ञान में लाई है तथा स्थानीय विधायक से भी इसके लिए धन उपलब्ध करवाने का आग्रह किया है, लेकिन अभी तक स्थिति ज्यों की त्यों है और फिनिशिंग के अभाव में यह भवन दिनोदिन बर्बादी के कगार पर जा रहा है। सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर ऊंचा उठाने के लिए गुणात्मक शिक्षा उपलब्ध करवाना आवश्यक है और गुणात्मक शिक्षा के लिए आधुनिक सुविधा से लैस आईपी लेब और प्रयोगशालाएं अपरिहार्य रूप से आवश्यक हैं। इस तरह आधे-अधूरे भवन खड़े करके न विद्यार्थियों का भला हो रहा है न शिक्षा का स्तर ऊंचा उठ सकता है।   घासणु स्कूल के बच्चे वर्षों से आईपी लैब के अभाव में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं और इसी स्कूल के परिसर में सरकार द्वारा स्वीकृत भवन वर्षों से  पूर्णता की राह देख रहा है। भड़याल पंचायत के निवासी सरकार से घासणु स्कूल में अधूरे पड़े इस आईपी लैब के भवन की फिनिशिंग के लिए धन की व्यवस्था करके इसे अविलंब  विद्यार्थियों के उपयोग में लाए जाने की पुरजोर मांग करते हैं। उधर, लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता चमन सकलानी ने बताया कि इस भवन के निर्माण के लिए लोक निर्माण के माध्यम से पूर्व में 28.61 लाख की राशि खर्च की जा चुकी है, लेकिन फिनिशिंग के लिए अभी लगभग पांच लाख की राशि और अपेक्षित है,  जिसका एस्टीमेट बना कर दे दिया गया है, जैसे ही शिक्षा विभाग यह राशि लोक निर्माण विभाग को उपलब्ध करवाएगा तो बकाया फिनिशिंग का कार्य पूरा कर लिया जाएगा।


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