विकल्पों की हैं अपार संभावनाएं

By: Jan 29th, 2020 12:30 am

मौसम विज्ञान में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने डा. मनमोहन सिंह से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के  प्रमुख अंश…

डा. मनमोहन सिंह

निदेशक  मौसम विभाग हिमाचल प्रदेश

मौसम विज्ञान में करियर का युवाओं के लिए क्या स्कोप है?

मौसम विज्ञान में करियर की अपार संभावनाएं हैं। मौसम विज्ञान केंद्रों में समय- समय पर विशेषज्ञ सहित ग्रुप-डी की भर्तियां होती रहती हैं। अच्छे वेतनमान सहित युवा अपना भविष्य और बेहतर बना सकते हैं। मौसम विज्ञान केंद्र ने गु्रप-डी साईंटिस्ट्स-बी की भर्तियां होती रहती हैं। पूरे देश में 1100 के करीब पद भरे गए हैं। समय-समय पर सीनियर वर्ग में साईंटिस्ट-सी व डी के पद भी सृजित किए जाते हैं।

इस करियर के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या है?

मौसम विज्ञान में पदार्पण करने के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भौतिकी में प्लस टू अनिवार्य है। इसके अलावा बीटेक इलेक्ट्रॉनिक, बीएससी नॉन मेडिकल, एमएससी डिग्रीधारक पद एवं योग्यता के आधार पर प्रोफेशन में एप्लाई कर सकते हैं।

कौन से कोर्स करके विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है?

मौसम विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिभा संपन्न शिक्षित युवाओं की आवश्यकता है। इस बात को ध्यान में रखते हुए देश के बहुत से कालेजों एवं विश्वविद्यालयों में मटीरियोलॉजी संबंधित कोर्स चलाए जा रहे हैं, जो युवा इस क्षेत्र में भविष्य बनाना चाहते हैं, वे इसमें अंडरग्रेजुएट और पोस्टग्रेजुएट योग्यता हासिल कर सकते हैं। अंडरग्रेजुएट कोर्स के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से विज्ञान वर्ग भौतिकी, जीव विज्ञान और रसायन विज्ञान से 12वीं पास होना जरूरी है। ग्रेजुएट स्तर का कोर्स तीन साल का है। अगर आप इसमें पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री लेना चाहते हैं, तो इसके लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से आपका बीएससी होना जरूरी है। अधिकतर संस्थान चयन प्रक्रिया में न्यूनतम अंक सीमा भी निर्धारित करते हैं। पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स की अवधि दो साल की है।

देश और हिमाचल में  इसकी पढ़ाई कहां होती है?

मौसम विज्ञान से संबंधित कोर्स अधिकतर इंजीनियरिंग कालेजों में करवाए जा रहे हैं। इसके बावजूद देश में आईआईटी खड़गपुर  पश्चिम बंगाल,  पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला, आंध्र विश्वविद्यालय विशाखापट्टनम, मणिपुर विश्वविद्यालय इम्फाल, देवी अहिल्या विवि इंदौर मध्यप्रदेश, कोचीन यूनिवर्सिटी ऑफ  साइंस एंड टेक्नोलॉजी  केरल, शिवाजी विश्वविद्यालय विद्यानगर एवं इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ्ट्रॉपिकल मटीरियोलॉजी, पुणे पढ़ाई के लिए प्रमुख संस्थान हैं।

इस फील्ड की चुनौतियों और उनके निदान के बारे में बताएं ? जो युवा इस फील्ड में पदार्पण करना चाहते हैं, उनके लिए आपका प्रेरणादायक संदेश क्या है?

इस फील्ड में सबसे अधिक चुनौती फोरकास्ट की ही रहती है। पिछले कुछ समय के दौरान पल-पल फोरकास्ट की अपडेट्स में लगातार बदलाव आ रहे हैं। वर्तमान में मौसम से संबंधित स्टीक जानकारी जनता को देना यह मुख्य चुनौती है। इस पर लगातार अभ्यास कर ही विशेषज्ञता हासिल की जा सकती है। इस फील्ड में पदार्पण करने वाले युवा अपना भविष्य अच्छा बना सकते हैं। इस प्रोफेशन में सेलरी पैकेज भी बेहतर रहता है। युवाओं को इस प्रोफेशन में अपना करियर बनाने के लिए आगे आना चाहिए।

-टेकचंद वर्मा, शिमला


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