वैट डिफाल्टरों के लिए वन टाइम सेटलमेंट पालिसी

By: Jan 16th, 2020 12:01 am

पुरानी उगाही को प्रदेश सरकार देने जा रही मौका, आज मंत्रिमंडल की बैठक में होगा निर्णय

शिमला – हिमाचल सरकार प्रदेश के करीब तीन लाख वैट डिफाल्टरों के लिए वन टाइम सेटलमेंट पालिसी लाने की तैयारी में है। इसका खाका कैबिनेट को मंजूरी के लिए भेजा गया है। सूत्रों के अनुसार गुरुवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस पर निर्णय होगा, जिसके बाद राज्य में इन डिफाल्टरों से उगाही के लिए आबकारी एवं कराधान विभाग वन टाइम सेटलमेंट पालिसी को लागू कर देगा। बताया जाता है कि करीब तीन लाख ऐसे करदाता हैं, जिन्होंने वैट नहीं दिया है। राज्यों में जीएसटी लागू होने के बाद वैट वर्ष 2017 में खत्म हो गया था और तभी से इन लोगों ने वैट चुकता नहीं किया है। ऐसे अनगिनत मामले अदालतों में चल रहे हैं जिनमें सरकार के खिलाफ केस लड़े जा रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि सरकार इन सभी मामलों को निपटाने के लिए ही वन टाइम सेटलमेंट पालिसी ला रही है, जिसमें कुछ छूट भी इन डिफाल्टर करदाताओं को दी जाएगी। इनसे कहा जाएगा कि वह अदालत में चल रहे मामलों को खत्म करें और आबकारी एवं कराधान विभाग को वैट को निपटाने से संबंधित पॉलिसी के तहत आवेदन करें। इस आवेदन पर उन्हें कितनी छूट दी जाएगी यह तय होगा। इसका पूरा खाका कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जा चुका है, जिस पर गुरुवार को मुहर लगनी है। आबकारी महकमा कैबिनेट को विस्तृत जानकारी देगा और बताएगा कि कितने लोगों ने वैट नहीं दिया है, जिनसे कितनी रिकवरी होनी है। केंद्र सरकार ने पूरे प्रदेश में जीएसटी लागू कर दिया है जिससे पहले प्रदेश सरकार वैट वसूल करती आ रही है। वैट पूरी तरह से राज्य सरकार का टैक्स था, जिसका पैसा भी उसी को आता था, जबकि जीएसटी में अब सभी टैक्स को समाहित किया गया है और एक समान टैक्स प्रतिशत इसमें लगता है। इसकी पूरी वसूली केंद्र सरकार को जाती है और बाद में केंद्र सरकार उसे बांटती है, मगर यहां पर पुराने वैट की जो कमाई प्रदेश सरकार को होनी थी, वह नहीं हो पाई, इसलिए अब वन टाइम सेटलमेंट करके डिफाल्टरों को भी राहत दी जा सकेगी, वहीं सरकार को भी फंसी हुई राशि मिल सकेगी। इसमें शर्त यही है कि डिफाल्टर को पहले अदालत से अपना मामला वापस लेना होगा जिसके बाद उसके साथ बातचीत हो सकेगी।


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