शहर में पानी के भारी भरकम बिलों पर सीपीआईएम उग्र

शिमला-सीपीआईएम की शिमला शहरी कमेटी ने जनता को दिए जा रहे भारी भरकम बिलों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शुक्रवार को सीपीआईएम ने शिमला जल प्रबंधन निगम के कार्यालय के  बाहर धरना-प्रर्दशन कर रोष व्यक्त किया और इन बढ़े हुए बिलों को वापस लेने की मांग उठाई गई। पार्टी ने आरोप लगाया कि जिस प्रकार से शहर में लोगों को कई हजारों रुपए के बिल बिना किसी आधार के दिए गए हैं वह गंभीर चिंता का विषय है। इससे प्रदेश सरकार व नगर निगम शिमला की लचर कार्यशैली पर प्रश्नचिन्ह लगता है। वहीं, इनका जन विरोधी रवैया स्पष्ट रूप में दिखाई देता है। इससे न केवल शहर की जनता पर बेवजह आर्थिक बोझ डाला जा रहा है बल्कि इससे जनता को बड़ी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है। सीपीआईएम शिमला शहरी कमेटी के सचिव बलवीर पराशर ने आरोप लगाते हुए कहा कि   जब से प्रदेश में बीजेपी की सरकार व शिमला शहर में बीजेपी शासित नगर निगम सत्तासीन हुई है शहरवासियों की समस्याएं का हल निकालने के बजाय इनमें निरंतर बढोतरी हो रही है। शहर में मूलभूत आवश्यकताओं की स्थिति में सुधार के बजाय इसमें गिरावट आ गई है और साथ में सभी सेवाओं को महंगा कर जनता पर आर्थिक रूप से भारी बोझ डाला जा रहा है। चाहे पानी की दरें हों या कूडा इकट्ठा करने का शुल्क, इसकी दरों में भारी वृद्धि की गई है। पानी जैसी मूलभूत आवश्यकता व सीवरेज शुल्क की दरों में 30 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की गई है और इसके साथ ही मनमर्जी से कई कई महीनों के बिना मीटर रीडिंग के आधार पर हजारों रुपए के भारी भरकम पानी के बिल जनता को दिए गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि विडंबना यह है कि यदि लोग इन बिलों के बारे में पूछताछ करने व इनको सही करने के लिए नगर निगम या कंपनी के कार्यालय में जाते हैं तो उन्हें यह कह कर बिल जमा करने के लिए बाध्य किया जाता है। प्रदर्शन मे पार्टी राज्य सचिव डा. ओंकार शाद, जिला सचिव संजय चौहान, राज्य कमेटी सदस्य फालमा चौहान, शहरी सचिव बलबीर पराशर, बाबू राम, किशोरी ढटवालिया, चंद्रकांत वर्मा, बालक राम, पवन शर्मा, कपिल शर्मा, नेहा ठाकुर, राम प्रकाश, बंटी ठाकुर, पंकज सहित कई कार्यकर्ता शामिल रहे। पार्टी ने प्रदेश सरकार व एसजेपीएनएल प्रबंधन को चेताया  है कि पानी के बिलों के कुप्रबंधन को दुरुस्त नहीं किया गया तो पार्टी आम जनता को लामबंद कर संघर्ष को और तेज किया जाएगा।