शांतिपूर्ण रिश्ते बनाने हैं, तो आतंकवाद रोके पाकिस्तान

By: Jan 24th, 2020 12:12 am

इमरान खान के बयान पर विदेश मंत्रालय की कड़ी प्रतिक्रिया

File Photo

नई दिल्ली – विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के दावोष में दिए उस बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने पाक की खस्ताहाल इकॉनोमी का ठीकरा एक तरह से भारत के सिर फोड़ने की कोशिश की थी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि यह बताता है कि पाकिस्तानी पीएम कैसे हताश हो रहे हैं। इमरान खान की पैंतरेबाजी पर सवाल उठाते हुए कुमार ने पूछा कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध के लिए गंभीर है तो आतंकी संगठनों के खिलाफ  ऐक्शन क्यों नहीं ले रहा। दावोस में पाकिस्तान के पीएम ने काफी चीजें कहीं हैं। हमने रिपोर्ट्स देखी हैं। टिप्पणियों में कोई नई बात नहीं है। काफी महीनों से इसी लहजे में बात कर रहे हैं। यह विरोधाभासी है। तथ्यात्मक गलतियां भी हैं। सह दर्शाता है कि कैसे इमरान हताश हो रहे हैं। पाकिस्तान को यह समझना होगा कि ग्लोबल कम्युनिटी ने उनके डबल स्टैंडर्ड को समझ लिया है। एक तरफ  आतंकवाद को मानते नहीं हैं, दूसरी तरफ ऐसे संगठनों को पनाह देते हैं, जो भारत और दूसरे देशों में आतंकवाद फैलाते हैं। प्रवक्ता ने आगे कहा कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है, अनुकूल माहौल चाहता है तो टेररिस्ट ग्रुप के खिलाफ  क्यों एक्शन नहीं ले पा रहे हैं। हमें हमेशा लगता है कि वह अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को बरगलाने के लिए इस तरह का बयान देना पसंद करते हैं। इस तरह के बयान से उन्हें बाज आना चाहिए। हमें अपने मामले में उनकी सलाह की जरूरत नहीं है। रवीश कुमार ने आतंकवाद के लिए पाकिस्तान की फंडिंग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि फायनांशियल ऐक्शन टास्क फोर्स ने पाकिस्तान पर शिकंजा कसा है। हमें पता है कि पेरिस में 16 फरवरी से बैठक हो रही है। हमें लगता है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद पर कितना काम किया है, उस क्राइटेरिया को देखा जाएगा। अभी मैं कुछ नहीं कह सकता। पाकिस्तान जिस तरह से आतंकवाद को फायनांस कर रहा है, वह चिंता का विषय है। अब एफएटीएफ  के सदस्यों को देखना है कि इमरान सरकार ने इसे बंद करने के लिए क्या किया है।

ट्रंप को जवाब, कश्मीर पर तीसरा पक्ष मंजूर नहीं

विदेश मंत्रालय ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि कश्मीर का मसला भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय आधार पर ही हल होना है, इसमें किसी तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं होगी। दरअसल, अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावोस में एक बार फिर कश्मीर समस्या के हल के लिए मदद की पेशकश की थी। रवीश कुमार ने कहा कि कश्मीर पर हमारा रुख स्पष्ट और निरंतर है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मसला है।


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