शिक्षकों के डेपुटेशन पर लगी रोक

शिक्षा विभाग ने सरकार के आदेशों के बाद लिया फैसला, अब नहीं मार सकेंगे अध्यापक बंक

शिमला-हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर एक बार फिर से रोक लगा दी गई है। शिक्षा विभाग ने सरकार के आदेशों के बाद शिक्षकों के डेपुटेशन पर रोक लगाते हुए, सभी शिक्षकों का रिकॉर्ड तलब किया है। अहम यह है कि जो शिक्षक अभी डेपुटेशन पर हैं, शिक्षा विभाग ने उन सभी शिक्षकों का आंकड़ा उपनिदेशकों को भेजने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा शिक्षा विभाग में अब जो डिमांड  प्रतिनियुक्ति पर आ रही है, उन सभी फाइलों को रोक दिया है। शिक्षा विभाग ने अब जिला उपनिदेशकों से इस बाबत भी रिकोर्ड मांगा है कि कितने स्कूलों में कितने शिक्षक हैं। सरकार के तय नियमोंं के तहत ही नए सत्र में शिक्षकों को तैनाती मिलेगी। जिन स्कूलों में तय छात्रों की संख्या से ज्यादा शिक्षक होंगे, उन्हें बदला जाएगा। सूत्रों की मानें तो प्रदेश में अब नया सत्र शुरू होने के बाद नई ट्रांसफर पॉलिसी भी शिक्षकों पर लागू हो सकती है। यही वजह है कि शिक्षा विभाग ने उपनिदेशकों को पंद्रह दिन के अंदर ब्यौरा भेजने  को कहा है। जानकारी के अनुसार प्रदेश के सरकारी स्कूल में शिक्षक अब अपनी मर्जी  से नहीं जा सकते हैं। यानी कि जहां पर शिक्षा विभाग उन्हें भेजेगा, उसी स्कूल में सेवाएं देनी होंगी। सूत्रों की मानें तो प्रदेश में तीन हजार से ज्यादा शिक्षक ऐसे हैं, जो डेपुटेशन पर हैं। जिससे की वहे सैलरी किसी और स्कूल से ले रहे हैं और पढ़ा कहीं ओर रहे हैं। विभाग ने साफ किया है कि बिना बताए, जो शिक्षक डेपुटेशन पर दूसरे स्कूल में होंगे, उनसे जवाब तलब भी किया जाएगा। विभागीय सूत्रों के अनुसार शिमला, धर्मशाला, कांगड़ा, सोलन बिलासपुर को तो विभाग ने बिना देरी के रिपोर्ट भेजने को कहा है। इन जिलों में सबसे ज्यादा शिक्षक डेपुटेशन पर सरकारी ऑफिस में है। यही वजह है कि अब शिक्षकों की इस मनमानी को रोकने के लिए सरकार एक बार फिर से ट्रासंफर पॉलिसी पर सख्त नियम लाने की तैयारी में है।

इसलिए ट्रांसफंर पॉलिसी जरूरी

शिक्षा विभाग के निदेशक अमरजीत शर्मा का कहना है कि शिक्षकों को ट्रांसफर पॉलिसी लागू करना जरूरी है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों पर नजर रखना आसान हो जाएगा। वहीं, शिक्षक आसानी से राजनीति ढंग से अपनी अदला-बदली नहीं करवा पाएंगे। उन्होंने कहा कि जिला उपनिदेशकों से रिकोर्ड मांगा गया है, पंद्रह दिन बाद जब रिपोर्ट आएगी, तो डेपुटेशन पर गए शिक्षकों का रिकॉर्ड सरकार को सौंपा जाएगा।