सात को हिमाचल विधानसभा का विशेष सत्र

By: Jan 1st, 2020 7:14 pm

 लोकसभा-विधानसभा की आरक्षित सीटों की 10 साल समयावधि बढ़ाने पर पेश होगा विधेयक

 लोकसभा से पारित बिल की होगी रेक्टीफिकेशन

राज्यपाल के अभिभाषण से होगा सत्र का आगाज

नहीं होगा कोई भी सवाल-जवाब

शिमला-हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने सात जनवरी को एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है। इसमें लोकसभा तथा विधानसभा सीटों के आरक्षण का विधेयक लाया जाएगा। लोकसभा तथा राज्यसभा से पारित इस विधेयक को रेक्टीफिकेशन के लिए हिमाचल प्रदेश विधानसभा में पेश किया जाएगा। इस आधार पर हिमाचल विधानसभा तय करेगी कि राज्य में अगले 10 सालों के लिए लोस व विस सीटों के आरक्षण को बढ़ाया जाए या नहीं। इस कारण हिमाचल प्रदेश विधानसभा में अगले सप्ताह मंगलवार को विशेष सत्र बुलाया है। अहम है कि एक दिवसीय सत्र के दौरान एकमात्र एजेंडा शामिल किया जाएगा। प्राप्त जानकारी के मुताबिक सात जनवरी को इस एक दिवसीय सत्र के दौरान विधानसभा के अनुसूचित जाति एवं जनजाति के विधायकों के आरक्षण के लिए अगले दस साल का प्रावधान करना है। अभी आरक्षण 70 वर्ष का है, जिसे दस साल तक आगे बढ़ाकर 80 वर्ष किया जाएगा। राज्य सभा सचिवालय की ओर से सभी राज्य सरकारों को निर्देशित किया गया है कि दस जनवरी से पहले संविधान संशोधन को लागू किया जाए। लोकसभा और राज्यसभा में इस संविधान संशोधन को मंजूरी दी जा चुकी है। इसके प्रावधानों के तहत हिमाचल प्रदेश विधानसभा में आरक्षण की अवधि दस जनवरी को समाप्त हो रही है। इससे पूर्व संशोधन को विधानसभा में सवीकृति देना जरूरी है। प्रदेश विधानसभा में तीन सदस्य अनुसूचित जनजाति से संबंध रखते हैं तो 15 सदस्य अनुसूचित जाति से हैं। विधानसभा व लोकसभा में सदस्यों के लिए आरक्षण का प्रावधान है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक विशेष सत्र के दिन कोई सवाल-जवाब नहीं होगा। हालांकि सत्र का आगाज राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय के अभिभाषण से होगा।

सात जनवरी को एक दिवसीय विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है, इस संदर्भ में नोटिफिकेशन भी जारी कर दी गई है। राज्यपाल के अभिभाषण से सत्र का आगाज होगा। इस दिन कोई सवाल-जवाब भी नहीं होगा। मात्र एससी-एसटी विधायकों का आरक्षण मद होगा।

-यशपाल शर्मा, सचिव प्रदेश विधानसभा।


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