सिनेमा जगत के पहले महानायक थे सहगल

भारतीय सिनेमा जगत के पहले ‘महानायक’ का दर्जा प्राप्त करने वाले  केएल. सहगल ने अपने दो दशक के लंबे सिने करियर में महज 185 गीत ही गाए, इनमें 142 फिल्मी और 43 गैर फिल्मी गीत शामिल है। लेकिन उन्हें जितनी ख्याति प्राप्त हुई उतनी हजारों की संख्या में गीत गाने वाले गायकों को नसीब नहीं हुई। वर्ष 1904 को जम्मू के नवाशहर में रियासत के तहसीलदार अमर चंद सहगल के घर जब कुंदन का जन्म हुआ, तो पिता ने यह कभी नही सोचा होगा कि उनका पुत्र अपने नाम को सार्थक करते हुए वाकई एक दिन ‘कुंदन’ की तरह ही चमकेगा। कुंदन दरअसल स्वर्ण का शुद्धतम रूप होता है। सामान्य तौर पर स्वर्ण को कई बार गलाने-तपाने पर जो धातु बनता है उसे ‘कुंदन’ कहा जाता है, जिसकी आभा कभी कम नही होती। यही बात कुंदन लाल सहगल पर चरितार्थ होती है। बचपन से ही सहगल का रूझान गीत-संगीत की ओर था। उनकी मां केसरीबाई कौर धार्मिक कार्यकलापों के साथ-साथ संगीत मे भी काफी रूचि रखती थी। सहगल अकसर मां के साथ भजन-कीर्तन जैसे धार्मिक कार्यक्रमों में जाया करते थे।अपनी जादुई आवाज और अभिनय से सिने प्रेमियों के दिल पर राज करने वाले सहगल 18 जनवरी 1947 को महज 43 वर्ष की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह गए।