सीएए के खिलाफ हिंसा के पीछे देश विरोधी बड़ी ताकतें
ईडी का खुलासा, 73 संदिग्ध बैंक खातों में जमा किए गए थे 120 करोड़
नई दिल्ली – उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) विरोध के पीछे देशविरोधी ताकतों का हाथ था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि हिंसा भड़काने के लिए पैसे का इस्तेमाल किया गया था। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) का इस हिंसा से सीधा संबध था। जिन इलाकों में सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान हिंसा हुई थी, वहां पीएफआई के हाथ होने के तार जुड़े हैं। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सीएए के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान 73 संदिग्ध बैंक खातों में 120 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम जमा की गई थी। आरोप हैं कि इन पैसों का इस्तेमाल हिंसक प्रदर्शनों के लिए हुआ था। एक रिपोर्ट के अनुसार, ईडी की जांच में पाया गया कि दिसंबर में संसद से सीएए पास होने के बाद पश्चिम यूपी के हिंसाग्रस्त इलाकों बिजनौर, हापुड़, बहराइच, शामली और डासना के कई बैंक अकाउंट में पैसे भेजे गए थे। इस दौरान 73 बैंक अकाउंट्स में करीब 120 करोड़ रुपए भेजे गए थे। इन पैसों का इस्तेमाल विरोध-प्रदर्शनों की फंडिंग के लिए करने का आरोप है। रिपोर्ट में यह भी पता चला है कि पीएफआई की कश्मीर यूनिट को भी 1.65 करोड़ रुपए मिले थे। ईडी ने गृह मंत्रालय को इन पैसों के लेन-देन के बारे में आगाह किया था। यह रिपोर्ट यूपी हिंसा के आरोप में अरेस्ट किए गए पीएफआई अध्यक्ष वसीम अहमद को पिछले सप्ताह जमानत मिलने के कुछ दिन बाद आई है। यूपी पुलिस वसीम के खिलाफ मजबूत सबूत जुटाने में असफल रही थी, हालांकि उसने वसीम को इस हिंसा का मास्टरमाइंड बताया था। इस रिपोर्ट के खुलासे के बाद भाजपा ने कहा है कि इस मामले की जांच होनी चाहिए। भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि अगर कोई खास दिन इस तरह का वित्तीय लेन-देन हुआ है, तो इसकी जांच होनी चाहिए।
सिब्बल के खाते में भी लाखों रुपए ट्रांसफर
गृह मंत्रालय को भेजे नोट में ईडी ने बताया है कि दिसंबर में संसद से सीएए पास होने के बाद पीएफआई से जुड़े 73 बैंक खातों से 120 करोड़ से ज्यादा की राशि कई लोगों, संस्थाओं के खाते में ट्रांसफर की गई। इस दौरानदिग्गज वकील कपिल सिब्बल, दुष्यंत दवे और इंदिरा जयसिंह के खातों में भी लाखों रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इन खातों से राशियां तुरंत निकाल ली गईं।
सिब्बल बोले, यह बदनाम करने की साजिश
कांग्रेस के सीनियर लीडर और सुप्रीम कोर्ट के वकील कपिल सिब्बल ने ऐंटी सीएए प्रोटेस्ट के लिए पापुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से पैसे लेने के आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने सोमवार को कहा कि आरोपों में सच्चाई नहीं है और यह उन्हें बदनाम करने की साजिश है। इतना ही नहीं, उन्होंने धमकी दी कि जिन समाचार माध्यमों ने इस बारे में उनका नाम लेते हुए स्टोरी की है, अगर उसे नहीं हटाया तो वह उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करेंगे।
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