सीएए प्रोटेस्ट पर विपक्ष की बैठक के बाद सोनिया का केंद्र पर हमला, बोलीं- मोदी, शाह कर रहे हैं गुमराह

By: Jan 13th, 2020 5:31 pm

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधीदिल्ली – नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों पर चर्चा के लिए बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक के बाद कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार पर हमला बोला है और लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार लोगों पर अत्याचार कर रही है और घृणा फैला रही है। सोनिया गांधी ने आरोप लगाया कि सरकार लोगों को धर्म के आधार पर बांटने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया जा रहा है और संविधान को ताक पर रखकर उथल-पुथल की जा रही है। हालांकि कांग्रेस के लिए झटके की बात रही कि मायावती, अखिलेश यादव, ममता बनर्जी, अरविंद केजरीवाल के साथ-साथ महाराष्ट्र में उसकी सहयोगी शिवसेना ने भी इस बैठक से किनारा कर लिया।

अपनी बात से मुकर गए मोदीः सोनिया गांधी
सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि वे (पीएम मोदी और अमित शाह) अपनी ही बात से मुकर गए हैं। जेएनयू, बीएचयू और जामिया का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि लोगों ने उनका ‘आतंक’ देखा है। मोदी-शाह की सरकार लोगों को सुरक्षा देने में नाकाम रही है। इस बैठक में कांग्रेस के 19 नेताओं के अलावा एनसीपी प्रमुख शरद पवार, लेफ्ट के नेता सीतारम येचुरी, डी राजा, जीएमएम नेता और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, एलजेडी चीफ शरद यादव, आलोक समता पार्टी के नेता उपेंद्र कुशवाहा, आरजेडी नेता मनोज झा, नैशनल कॉन्फ्रेंस के हसनैन मसूदी भी शामिल हुए। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, अहमद पटेल और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ राहुल गांधी भी बैठक में शामिल हुए।
‘सरकार ने लोगों पर निकाला गुस्सा’
बैठक के बाद सोनिया गांधी ने दावा किया देशभर में लोगों ने सीएए के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा, ‘इन प्रदर्शनों के बाद सरकार का गुस्सा फूट पड़ा और वह अब खुलकर सामने आ गया है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में पुलिस की कार्रवाई बहुत ही अजीब है।’ सोनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ने लोगों को बरगलाने का काम किया है।
छात्रों के आंदोलन से कांग्रेस को उम्मीद?
सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस छात्रों के प्रोटेस्ट का सपॉर्ट करके सीएए के खिलाफ अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहती है। सूत्रों के मुताबिक विपक्ष छात्रों के मुद्दों को उठाकर उनका आंदोलन आगे बढ़ाना चाहती है। पिछले सप्ताह भी सोनिया गांधी ने कहा था कि सीएए के जरिए देश को बांटने की कोशिश की जा रही है और एनपीआर भी एनआरसी का पहला कदम है। विपक्षा की इस बैठक को इसलिए भी अहम बताया जा रहा है क्योंकि जल्द ही दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और कांग्रेस छात्रों के आंदोलन को आगे बढ़ाकर बीजेपी को घेरना चाहती है। दिल्ली में 8 फरवरी को मतदान होना है और 11 तारीख को परिणाम घोषित किए जाएंगे। इससे पहले झारखंड में हेमंत सोरेन के शपथ ग्रहण में विपक्षी नेता एक साथ दिखे थे। इसमें ममता बनर्जी और आम आदमी पार्टी के संजय सिंह भी शामिल हुए थे।


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