सेना और गणतंत्र दिवस

By: Jan 25th, 2020 12:05 am

कर्नल (रि.) मनीष धीमान

स्वतंत्र लेखक

आज जब देश के हर राज्य, शहर, विद्यालय में सीएए और एनआरसी के लिए कहीं  विरोध तो कहीं समर्थन में प्रदर्शन हो रहे हैं, देश के प्रधानमंत्री, गृहमंत्री तथा सरकार के अन्य बड़े-बड़े नेता एवं मंत्री इस कानून के समर्थन में बात कर रहे हैं जबकि विपक्षी दल इसके विरोध में हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस कानून पर एक तरफा रोक लगाने से मना करते हुए सरकार से 4 हफ्ते में इसके संदर्भ में जवाब तलब किया है। काफी हद तक इसके खिलाफ  उठने वाली आवाज आसाम में हुए एनआरसी के परिणामों का नतीजा है। सरकार को मात्र इसके समर्थन में बात करने के अलावा लोगों में इस कानून की सही जानकारी तथा इसमें किन तथ्यों एवं साक्ष्यों पर नागरिकता को परखा जाएगा, लोगों तक पहुंचाना चाहिए। इक्का-दुक्का मंत्रियों के उल्टे सीधे बयान जो लोगों को भ्रमित कर रहे हैं उनको रोकना होगा। इसके अलावा दिल्ली चुनाव यहां जो हर पार्टी के लिए अहम है और दिल्ली की जामिया एवं जेएनयू यूनिवर्सिटी तथा शाहीन बाग आजकल बहुत चर्चा में है। इन सबके बावजूद हर मोर्चे पर देश की एकता और अखंडता के लिए समर्पित भारतीय सेना आजकल गणतंत्र दिवस समारोह की तैयारी में पूरे जोर-शोर से लगी हुई है। गणतंत्र दिवस समारोह और भारतीय सेना एक-दूसरे के पूरक हैं। 1950 से शुरू हुआ यह उत्सव हर साल 26 जनवरी को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। तीन दिन चलने वाले इस समारोह का इंतजार सारे भारतवासी बड़ी उत्सुकता से करते हैं। राष्ट्रपति भवन से शुरू हुआ मार्च पास राजपथ से होते हुए इंडिया गेट तक जाता है, जिसमें भारतीय थल, जल और वायु सेना के सैनिक परेड के साथ-साथ अपने उम्दा हथियारों को भी प्रदर्शित करते हैं। भारतीय सेना के गौरवमयी इतिहास को प्रदर्शित करने के साथ-साथ इस परेड में हर राज्य से उसकी संस्कृति की झांकी भी निकाली जाती है। गणतंत्र दिवस की परेड में शामिल होना हर सैनिक के लिए गर्व की बात होती है। करीब 6 महीने पहले सभी यूनिट से उनके चुनिंदा सैनिकों को ट्रेनिंग सेंटर में भेज दिया जाता है और वहां से छंटनी होने के बाद यह सारे सैनिक अपने-अपने गु्रप के साथ दिल्ली पहुंच जाते हैं, यहां रात-दिन की अथक मेहनत से परेड के दौरान आला दर्जे का तालमेल दिखाते हैं। इस समारोह में सैनिक पर न केवल अपनी स्वयं की काबिलीयत को प्रमाणित करने बल्कि अपनी पलटन के नाम, नमक और निशान की इज्जत बनाए रखने का जिम्मा भी होता है। गणतंत्र दिवस की परेड को समूचा भारत ही नहीं, विश्व के बहुत सारे देश देखते हैं तथा इस परेड से ही भारत की ताकत और हौसले का अंदाजा लगाते हैं। इस दिन सैनिकों को उनके द्वारा किए गए वीरता एवं उत्कृष्ट कार्यों के लिए  भी पुरस्कृत किया जाता है।

 


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