स्कॉलरशिप घोटाले में तीन आरोपी गिरफ्तार

शिमला-265 करोड़ के बहुचर्चित स्कॉलरशिप घोटाले में सीबीआई ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। अरविंद रजटा, हितेश गांधी और एसपी सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया। करोड़ों का भ्रष्टाचार मामला वर्ष, 2016 में प्रकाश में आया था और पहले चरण में उच्च शिक्षा विभाग ने अपने स्तर पर ही जांच शुरू कर दी थी। बाद में पता चला कि यह करोड़ों का खेल चल रहा है। प्रदेश सरकार ने घोटाले की जांच के लिए केस सीबीआई को सौंपा। मामला सीबीआई को चला गया, लेकिन बाद में जांच एजेंसी ने यह कहकर केस वापस भेज दिया कि पहले राज्य सरकार अपने आधार पर एफआईआर दर्ज करे, उसके बाद ही केस को स्टडी करेंगे। ऐसे में अब उच्च शिक्षा विभाग ने सीबीआई के दिशा-निर्देशों को फॉलो करते हुए शिमला में पहली एफआईआर छोटा शिमला पुलिस थाने में दर्ज करवा दी। जानकारी के मुताबिक परियोजना अधिकारी माध्यम से 16 नवंबर को छोटा शिमला पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज करवाई। उच्च शिक्षा विभाग ने उन निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है, जहां पर अवैध तरीके से किसी अन्य छात्रों की स्कॉलरशिप हड़प ली। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मामला दर्ज करने के बाद अब केस की फाइल गृह विभाग को जाएगी, जिसे जल्द ही सीबीआई को सौंपा जाएगा। बताया गया कि कर्नाटक के विश्वविद्यालय से संबंधित संस्थानों ने सबसे ज्यादा रकम डकारी है। स्कॉलरशिप घोटाले में हिमाचल प्रदेश के निजी शिक्षण संस्थानों के नाम भी उजागर हुए हैं। यहां तक कि शातिर निजी शिक्षण संस्थानों ने बाहरी राज्यों के बैंकों में छात्रों के खाते खोल दिए थे। बता दें कि वर्ष, 2013 से 2017 के बीच यानी चार साल में 266 करोड़ वजीफे बांटे गए, जिसमें से 80 फीसदी निजी शिक्षण संस्थानों ने ही डकार लिए। सबसे पहले मामला वर्ष, 2016 यानी पूर्व की वीरभद्र सरकार के कार्यकाल में सामने आया था।

25 हजार छात्रों के वजीफे डकारे

निजी शिक्षण संस्थानों ने प्रदेश के 25 हजार छात्रों के वजीफे डकार लिए। निजी शिक्षण संस्थानों में दाखिले के दौरान फर्जी दस्तावेज, छात्रों के आधार नंबर किसी अन्य छात्रों के नामए सबसे अधिक बैंक खाते हरियाणा राज्य में थे। इसके साथ ही बैंक खाते में मोबाइल नंबर भी एक ही व्यक्ति के नाम पर था। इसके साथ-साथ शिक्षा विभाग द्वारा की गई जांच के दौरान यह भी पाया गया कि एडमिशन फार्म में किसी अन्य छात्रों के फोटो लगे थे।