हिमाचली प्रतिभाओं को तराशने की जरूरत

By: Jan 15th, 2020 12:25 am

स्पोर्ट्स  में करियर संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ  इंडिया ट्रेनिंग सेंटर धर्मशाला की प्रभारी निर्मल कौर  से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

निर्मल कौर, प्रभारी, स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया ट्रेनिंग सेंटर, धर्मशाला

हिमाचली युवा खेल करियर के लिए कितने उपयुक्त हैं व उन्हें कौन-कौन से खेल अपनाने होंगे?

हिमाचल के बच्चों मे बेशुमार प्रतिभा छुपी हुई है, बस उसे तराशने की जरूरत है। प्रदेश में एथलेटिक्स, बॉलीवाल, कबड्डी, कुश्ती, वॉस्केटवाल, खो-खो, टेबल टेनिस व क्रिकेट सहित इंडोर गेम्स में प्रतिभाएं ओर अधिक निखर सकती हैं।

स्पोर्ट्स में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए क्या प्रयास किए जा सकते हैं?

ग्रामीण स्तर पर प्रतिभाओं की खोज का अभियान और उन्हें उचित सुविधा देकर प्रशिक्षण प्राप्त कर बेहतरीन खिलाड़ी बनाना चाहिए। उनके भविष्य को भी सुरक्षित रखकर युवाओं की अधिक भागीदारी इसमें बढ़ाई जा सकती है।

एक प्रोफेशनल प्लेयर बनने के लिए किसी युवा को खेल के लिए कितना समय देना चाहिए?

एक खिलाड़ी प्रोफेशनल खिलाड़ी तब बनता है, जब वह अपनी खेल को बेहतर से बेहतरीन बनाने की कोशिश करता है। एक खिलाड़ी अपने खेल में कितना भी अच्छा करें, परन्तु उसे अपने खेल को और सुधारने की कोशिश करते रहना चाहिए, तभी वो एक प्रोफेशनल खिलाड़ी बन सकता है।

हिमाचल में कौन-कौन से संस्थान हैं, जो स्पोर्ट्स में प्रशिक्षण देते हैं?

निर्मल- हिमाचल में कुल तीन केंद्रीय संस्थान हैं, जहां बच्चों को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर की ट्रैनिगं दी जाती हैं। जिसमें साई सेंटर धर्मशाला, बिलासपुर व मंडी के नाम शामिल हैं। इसके अलावा भी अन्य बेहतरीन केंद्र हिमाचल में चल रहे हैं।

स्पोर्ट्स में युवा प्लेयर किन क्षेत्रों में अपना करियर बना सकते हैं?

यह युवा खिलाडियों पर र्निभर करता है कि वह किस खेल में रूची रखते है, और आगे किस खेल में अपना भविष्य देखते हैं। वैसे हर एक खेल  ेमें अच्छा करियर बनने के स्कोप हैं।

क्या स्पोर्ट्स् आजीविका का भी साधन हो सकता है? यदि हां, तो एक प्रोफेशनल खिलाड़ी कितनी कमाई कर सकता है?

हां, स्पोर्टस आजीविका का भी एक सर्वोत्म साधन बन चुका है। एक प्रोफेशनल खिलाड़ी इंटरनेशनल में बेहतरीन खेल दिखाने पर करोड़ों रुपए कमा सकता है। साथ ही प्रोफेशनल खिलाड़ी कोच, शिक्षक व ट्रेनर के रूप में भी रोजगार अपनाकर कमाई कर सकते हैं।

स्पोर्ट्स में प्रशिक्षण के लिए एंट्री प्वाइंट्स तथा प्रवेश प्रक्रिया क्या है?

स्पोर्टस में प्रवेश प्रक्रिया के दौरान खिलाड़ी की जिला व राज्यस्तर की उपलब्धियां, लंबाई, वजन, शारिरीक क्षमता, तकनिकी तौर से टेस्ट सहित मेडिकल की प्रक्रिया से गुजरना होता है।

जो युवा इस क्षेत्र में पदार्पण करना चाहते हैं, उनके लिए कोई प्रेरणा संदेश दें?

इस क्षेत्र में कोई भी अमीर या गरीब नहीं होता, इस क्षेत्र में प्रतिभा देखी जाती है। मैं सब लोंगों को ये संदेश देना चाहती हूं कि लड़कियों को कमजोर न समझे ,क्योंकि एक लड़की एक साथ कई परिवारों को संभालती हैं

प्रविता कटोच, धर्मशाला


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