हिमाचल प्रदेश हिमालय की गोद में स्थित है

By: Jan 15th, 2020 12:17 am

हिमाचली का भौगोलिक परिचय – भाग-4

हिमाचल प्रदेश ऐसे ही हिमालय पर्वत की गोद में स्थित है, जो पर्वत श्रेणियों में विश्व भर में सबसे कम आयु का है। दस करोड़ वर्ष पहले भारत एशिया की ओर सरक रहा था, तब उत्तर की ओर टेथीस सागर में ज्वालामुखी टापुओं की एक शृंखला बन गई थी। जब भारत चादर एशिया से टकराई, तो उसके आगे से टापू भी लद्दाख और तिब्बत का भाग बन गए थे…

 गतांक से आगे

जिससे शिवालिक श्रेणियां ऊंची हुई और साथ ही एक अग्रगर्त का निर्माण हुआ जिसमें अवसाद पटने से सिंधु-गंगा बेसिन का निर्माण हुआ। प्लेइस्टोशियन के पश्चात हल्के उत्थान हुए हैं और  बीच-बीच में हिमानियों द्वारा विविध पदार्थों का निक्षेपण एवं नदियों के किनारे वेदिकाओं का निर्माण हुआ।  हिमाचल प्रदेश ऐसे ही हिमालय पर्वत की गोद में स्थित है, जो पर्वत श्रेणियों में विश्व भर में सबसे कम आयु का है। दस करोड़ वर्ष पहले भारत एशिया की और सरक रहा था, तब उत्तर की ओर टेथीस सागर में ज्वालामुखी टापुओं की एक शृंखला बन गई थी। जब भारत चादर एशिया से टकराई, तो उसके आगे से टापू भी लद्दाख और तिब्बत का भाग बन गए थे। अत : तिब्बत के दस कैलाश -मानसरोवर क्षेत्र से भारत की गहन आत्मीयता नितांत  स्वाभाविक है। ये एक तरह से उसी के अंग हैं।

हिमालय कब और कैसे उपजा

अनुसंधान करते वैज्ञानिक- भूगर्भवेत्ताओं के शब्दों में मानव का पृथ्वी पर एक लाख वर्ष का जीवन मात्र एक पलक झपकने के समान है और हिमालय बनाना सिर्फ साठ सैकंड। इससे हम इस कथा के ओर-छोर समय सीमा का अंदाजा लगा सकते हैं। बीसवीं शताब्दी के सातवें दशक में ही वैज्ञानिक कहने लगे थे कि भारत की सीमाएं कभी अफ्रीका, आस्टे्रलिया और अंटार्कटिका महाद्वीपों से लगती थीं। इस महान द्वीप का नाम उन्होंने ‘गोंडवाना’ कल्पित किया। इस नाम का आधार आधुनिक मध्य प्रदेश के गोंडजन हैं। लगभग दस करोड़ वर्ष पूर्व भारत अपने अन्य महाद्वीपीय भागों से अलग होकर पुराने टेथीस सागर की ओर 12 सेंटीमीटर प्रतिवर्ष की रफ्तार से बढ़कर एशिया से टकराने जा रहा था। एशिया महाद्वीप तक पहुंचने और प्रथम टकराहट में इसे छह करोड़ वर्ष लगे और छह हजार किलोमीटर का सफर तय करना पड़ा था। इस टकराहट के साथ हिमालय का जन्म आधुनिक लद्दाख के ‘लाटो’ नामक स्थान पर हुआ। रोचक स्थिति यह है कि टेथीस सागर के लुप्त होते, दो महाद्वीपों-एशिया और भारत की टकराहट के आंखों दिखते प्रमाण हिमाचल के स्पिति, किन्नर प्रदेश और रामपुर में मिलते हैं।  

-क्रमशः


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