2020 में दो लाख किसान अपनाएंगे प्राकृतिक खेती

ग्राम पंचायत मांगल-बेरल-बरूणा तथा बैरछा में दी कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी

बीबीएन – प्रदेश सरकार का यह प्रयास है कि वर्ष 2022 तक हिमाचल प्रदेश के सभी किसान प्राकृतिक खेती अपनाएं। अभी तक राज्य में 50 हजार से अधिक किसान प्राकृतिक खेती अपना चुके हैं। वर्ष 2020 में दो लाख किसानों को प्राकृतिक खेती के अधीन लाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह जानकारी सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से संबद्ध अक्षिता कलामंच के कलाकारों ने शनिवार को अर्की विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत मांगल तथा बैरल में उपस्थित जनसमूह को गीत-संगीत व नुक्कड़-नाटकों के माध्यम से प्रदान की। कलाकारों ने बताया कि प्रदेश सरकार ने प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से देसी गाय क्रय करने पर 25 हजार रुपए तथा गोशाला के लिए 80 हजार रुपए का उपदान प्रदान कर रही है। लोगों को बताया गया कि प्राकृतिक खेती सभी के लिए सुरक्षित है। कलाकारों ने बताया कि सरकार किसान हित को ध्यान में रखकर अनेक कृषक हितैषी योजनाएं कार्यान्वित कर रही है। लोगों को बताया गया कि प्रदेश सरकार किसानों को ट्रैक्टर खरीदने पर तीन लाख रुपए तथा पावर टिल्लर के लिए 25 हजार रुपए का उपदान प्रदान कर रही है। पूजा कलामंच के कलाकारों ने नालागढ़ विकास खंड की ग्राम पंचायत बरुणा तथा बेरछा में प्रदेश सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदान की। कलाकारों ने बताया कि उद्यमियों को आकर्षित करने तथा उन्हें प्रोत्साहन देने के लिए नई औद्योगिक निवेश नीति बनाई गई है। दस्तकारों को प्रोत्साहित करने के लिए मुख्यमंत्री दस्ताकर योजना के तहत परंपरागत दस्तकारों को 30 हजार रुपए तक के उपकरण या औजार खरीदने पर 75 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत वित्त वर्ष 2019-20 में 50 लाख रुपए खर्च किए जा रहे हैं। कलाकारों ने समूह ‘गांव में विकास की धारा’ के माध्यम से  महिला स्वरोजगार सहायता योजना, प्रधानमंत्री मातृवंदना योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना तथा बेटी है अनमोल योजना की जानकारी प्रदान की।