400 करोड़ के प्रोजेक्ट को नहीं मिली जमीन

ऊना – जिला ऊना के अंतर्गत कूडे़ से बिजली बनाने के करीब 400 करोड़ के प्रोजेक्ट को जमीन नहीं मिल पाई है। एजी डॉटर्स कंपनी के साथ जिला प्रशासन का एमओयू भी साइन हुआ था, लेकिन इस प्रोजेक्ट को सिरे चढ़ाने के लिए किए गए प्रयास सफल नहीं हो पाए हैं। हालांकि नगर परिषद की ओर से इस प्रोजेक्ट के लिए प्रयास किए गए, लेकिन लोगों के विरोध के चलते यह प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पाया है। अब यह प्रोजेक्ट ऊना के हाथ खिसकता ही नजर आ रहा है। यदि सरकार, जिला प्रशासन की ओर से इस ओर जल्द ही उचित कदम नहीं उठाए गए, तो प्रोजेक्ट यहां से कहीं और स्थानांतरित हो सकता है। कंपनी की ओर से बाकायदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को पत्र लिखकर अवगत करवाया है, जिसमें कहा है कि यदि सरकार निःशुल्क या कामर्शियल रेट पर भूमि उपलब्ध नहीं करवा सकती, तो उनकी कंपनी एजी डॉटर्स प्रदेश में निवेश न कर किसी अन्य प्रदेश में निवेश करने को तरजीह देगी। कंपनी के चेयरमैन अजय गिरोत्रा ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को लिखे पत्र में कहा है कि 19 महीने पहले जीरो वेस्ट के तहत ऊना में जीरो कार्बन बिजली, जीरो कार्बन डीजल व ड्रिंकिंग वाटर बनाने के लिए यूनिट लगाने की बात की गई थी। इसके लिए आठ हजार से 10000 स्क्वेयर मीटर भूमि सरकार से मांगी गई थी। जिला प्रशासन के साथ एमओयू भी साइन किया गया, लेकिन जमीन की बात सिरे नहीं चढ़ पाई। हालांकि बहडाला में जमीन चिन्हित की गई, लेकिन नगर परिषद को वहां पर लोगों के विरोध के चलते कब्जा नहीं मिल पाया। इसके बाद उद्योग विभाग द्वारा औद्योगिक क्षेत्र पंडोगा में जमीन चिन्हित की गई। इन्वेस्टर मीट में मुख्यमंत्री के समक्ष भी यह प्रोजेक्ट की बात उठाई गई, लेकिन उसके बावजूद यह प्रोजेक्ट सिरे नहीं चढ़ पा रहा है। हालांकि इस प्रोजेक्ट के लिए सरकार, प्रशासन की ओर से मात्र जमीन ही मुहैया करवाई थी। इससे स्थानीय लोगों को रोजगार के साथ ही 27 से अधिक गांव को बिजली सस्ती दरों पर मिलनी है। अब कंपनी की ओर से मुख्यमंत्री को सीधे पत्र लिखकर अंतिम बार इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। अमरजोत सिंह वेदी अध्यक्ष नगर परिषद ऊना ने बताया कि बहडाला में जमीन नगर परिषद के नाम हो चुकी थी। लोगों के विरोध के चलते कब्जा नहीं मिल पाया। पंडोगा औद्योगिक क्षेत्र में कंपनी को जमीन मुहैया करवाई गई। अब वहां पर उद्योग विभाग की ओर से अन्य स्थान पर जमीन को स्वयं डिवेल्प करने की जिम्मेदारी सौंपी है। द्वितीय चरण में जमीन मुहैया करवाने की बात की जा रही है।