अब अपने इस ‘पुराने दोस्त’ से कच्चा तेल लेगा भारत, OPEC देशों पर कम होगी निर्भरता

भारत अपने पुराने दोस्त रूस से कच्चा तेल आयात करेगा. रूस से कच्चा तेल आयात करने के लिए इंडियन ऑयल (आईओसीएल) ने बुधवार को रूसी कंपनी रोजनेफ्त के साथ एक करार किया जिसके तहत इस साल भारत 20 लाख टन यूराल ग्रेड कच्चे तेल का आयात करेगा. भारत कच्चे तेल के लिए OPEC देशों पर अपनी निर्भरता कम करने की रणनीति पर काम कर रहा है.

पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस व इस्पात मंत्री धर्मेद्र प्रधान और रोजनेफ्त के सीईओ एवं चेयरमैन आईगोर सेचिन के बीच यहां एक बैठक के दौरान बुधवार को दोनों कंपनियों ने पहले टर्म कॉन्ट्रैक्ट पर दस्तखत किए. पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि लॉन्ग टर्म के कॉन्ट्रैक्ट  के जरिये रूस से कच्चे तेल की प्राप्ति, गैर-ओपेक देशों से देश में कच्चे तेल की आपूर्ति में विविधिता से जुड़ी भारतीय रणनीति का एक हिस्सा है.

न्यूज एजेंसी आईएएनएस के मुताबिक, यह हाइड्रोकार्बन क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के लिए पंचवर्षीय रोडमैप का भी एक हिस्सा है, जिस पर पिछले साल सितंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की व्लादिवोस्तोक यात्रा के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे.  मंत्रालय ने कहा कि भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी द्वारा कच्चे तेल के आयात के लिए एक नए स्रोत के रूप में रूस को शामिल करने से भू-राजनीतिक व्यवधान (जैसे खाड़ी देशों में कोई संकट) के कारण उत्पन्न होने वाले जोखिमों में कमी लाने में काफी मदद मिलेगी और नई व्यवस्था से भारत में मूल्य संबंधी स्थिरता और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने का मार्ग भी प्रशस्त होगा.  

 

मंत्रालय के बयान के अनुसार, भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में काफी वृद्धि देखी जा रही है. लिहाजा, इस नए कदम से अन्य पीएसयू तेल रिफाइनरी कंपनियों को भी रूस से कच्चे तेल के आयात के लिए इसी तरह के टर्म कॉन्ट्रैक्ट करने के अवसर मिलेंगे. 

दोनों पक्षों ने आपस में प्राथमिकताओं को आगे बढ़ाने पर सहमति जताई, जिसमें रूस की पूर्वी क्लस्टर परियोजनाओं में भारतीय निवेश के लिए रोडमैप तैयार करना भी शामिल है.

पिछले साल सितंबर में दुनिया की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी सऊदी अरामको पर हुए ड्रोन अटैक के बाद क्रूड ऑयल की कीमतों में भारी इजाफा दर्ज हुआ था.

ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लगने के बाद फिलहाल इराक कच्चे तेल का भारत के लिए सबसे बड़ा सप्लायर है. साल 2018-19 में इराक से भारत में 4.6 करोड़ टन आयात किया गया था. इसके बाद सप्लाई के मामले में सऊदी अरब, यूएई और कुवैत का स्थान था. इसके अलावा भारत अमेरिका ,नाइजीरिया, अंगोला और वेनेजुएला से भी कुछ कच्चा तेल हासिल करता है. इराक, सऊदी अरब और यूएई मिलकर भारत की 51 फीसदी जरूरतों की पूर्ति करते हैं.

गौरतलब है कि दुनिया के तेल उत्पादन पर द ऑर्गनाइजेशन ऑफ द पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज (OPEC) का दबदबा है. OPEC के सदस्य देशें में ईरान, इराक, कुवैत, सऊदी अरब,अल्जीरिया, अंगोला,इक्वेटेरियल गुएना, गैबोन, कुवैत, लीबिया,नाइजीरिया, कांगो और वेनेजुएला शामिल हैं.