आरंभिक विफलता भी आईपीएस अफसर बनने से नहीं रोक पाई

By: Feb 19th, 2020 12:22 am

प्रोफाइल

नाम  : आकृति शर्मा

जन्मस्थान : ऊना, हिमाचल प्रदेश

आईपीएस बैच :  2016

पिता : राजेंद्र मोहन शर्मा

माता :  डा. मीना शर्मा

शिक्षा : 12वीं कक्षा  एम पब्लिक स्कूल हमीरपुर, एमबीबीएस डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा (कांगड़ा)

अब तक इन पदों पर दी सेवाएं..

एसएचओ सदर हमीरपुर मार्च 2019, वर्तमान में  एएसपी कांगड़ा

जिनके हौसले बुलंद हों, कामयाबी उन्हीं को मिलती है, इसी कहावत का जीता-जागता उदाहरण है ऊना की आकृति शर्मा। आरएम शर्मा और मीना शर्मा के घर ऊना में जन्मी आकृति शर्मा बचपन से कुछ अलग करने की चाहत रखती थी। आकृति शर्मा का एक भाई है,जो नेशनल डिफेंस एकेडमी में इंडियन नेवी में बतौर पायलट सेवाएं दे रहा है। आकृति शर्मा के पति सुमित कुमार आर्मी मेडिकल कार्प्स से सेवानिवृत्त होकर वर्तमान में पीजीआई चंडीगढ़ में हास्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन में एमडी कर रहे हैं। एएसपी आकृति शर्मा 2016 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। यह परीक्षा उन्होंने सिविल सर्विस एग्जाम-2015 में उत्तीर्ण की थी। उन्होंने डा. आरपीजीएमसी टांडा से एमबीबीएस किया है। फाइनल ईयर में मेडिसिन और सर्जरी में गोल्ड मेडल हासिल किया है और उस वर्ष वह यूनिवर्सिटी टॉपर भी रही हैं। उन्होंने आईजीएमसी शिमला में सामुदायिक चिकित्सा विभाग में अपनी सेवाएं एक वर्ष के लिए दी हैं। पहले दो प्रयास में आकृति शर्मा सिविल सर्विसेज एग्जाम की प्रारंभिक परीक्षा भी पास नहीं कर पाई थीं हालांकि तीसरे प्रयास में उनका चयन रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स में हुआ। इस दौरान उनका चयन स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ  इंडिया में बतौर असिस्टेंट डायरेक्टर भी हुआ। सिविल सर्विसेज एग्जाम (2015) में उन्होंने आल इंडिया में 137वां रैंक हासिल किया और हिमाचल प्रदेश कैडर में इंडियन पुलिस सर्विसेज में स्थान मिला। उन्होंने सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी हैदराबाद से बेसिक ट्रेनिंग करने के बाद हमीरपुर में प्रोबेशन का समय बिताया। उन्हें सदर हमीरपुर में बतौर एसएचओ काम करने का मौका मिला। वहां पर उन्होंने बहुत करीब से महिला उत्पीड़न, दहेज हत्या के सिस्टम को देखा। तब इनको लगा कि बतौर महिला आईपीएस अधिकारी लोगों को बहुत अपेक्षाएं होती हैं। उसके उपरांत जनवरी, 2019 से वह बतौर एएसपी कांगड़ा अपनी सेवाएं दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कांगड़ा में बहुत कुछ सीखने को मिला। छन्नी-वेली में रेड करना, कांस्टेबल भर्ती में सेवाएं देना, मीनिंग राइड करना, लोकसभा चुनाव में बतौर पुलिस अधिकारी अपनी जिम्मेदारियां निभाना, इन्वेस्टर मीट का आयोजन, विधानसभा ड्यूटी व अन्य लॉ ऑफ ड्यूटी करने से, करियर की शुरुआत में ही उनको बहुत कुछ सीखने को मिला। वर्तमान में एएसपी कांगड़ा आकृति शर्मा नशे के खिलाफ कुछ प्रोग्राम्स पर कार्य कर रही हैं।

मुलाकात :न्यूजपेपर रोज पढ़ें युवा…

 आपके अनुसार आईपीएस होने का मतलब क्या है?

मेरे अनुसार आईपीएस होने का मतलब है, समाज में पुलिस की छवि को सुधारना, किसी भी व्यक्ति को जो किसी संकट या तकलीफ में है उसे त्वरित  रिस्पांस पुलिस द्वारा मिलना व महिलाओं में सुरक्षा का एहसास दिलाना तथा उन्हें यह अनुभव कराना कि एक महिला अन्य महिलाओं को सुरक्षा दे सकती है।

 आपने स्कूली शिक्षा और कालेज व विश्वविद्यालय की पढ़ाई कहां से पूरी की?

मेरी स्कूली शिक्षा एम पब्लिक स्कूल हमीरपुर से हुई और कालेज की पढ़ाई डा. आरपीजीएमसी टांडा से पूरी की है।

 छात्र के रूप में  हासिल उपलब्धियों में आप स्वयं को 10 में से कितने अंक देंगी?

बतौर छात्र में खुद को 10 में से आठ अंक दूंगी। मैं 10वीं में एचपीबीएसई की मैरिट लिस्ट में चौथे स्थान पर थी व जमा दो में मैरिट लिस्ट में तृतीय स्थान पर रही।

आप प्रशासनिक सेवा में आएंगी, इसके लिए कब सोचा?

मैंने शुरू में ही यह तय कर लिया था कि मैं एक दिन आईपीएस  अधिकारी बनूंगी।

आपने  सिविल सर्विस परीक्षा में कौन से विषय चुने और क्यों?

मेरा विषय मनोविज्ञान था।

आईपीएस बनने के लिए आपको कितने प्रयास करने पड़े। इसके लिए प्रेरणा कहां से मिली?

इसके लिए मुझे चार प्रयास करने पड़े व इसकी प्रेरणा मुझे मेरे पिता जी से मिली।

आईपीएस के लिए कितने समय तक तैयारी की और रोजाना कितने घंटे पढ़ाई करते थे?

रोजाना आठ से दस घंटे सेल्फ स्टडी करती थी।

कंपीटीटिव एग्जाम के लिए आजकल  कोचिंग का चलन बढ़ रहा है। क्या यह उपयोगी है?

मैंने कोचिंग नहीं ली, यह तैयारी घर बैठे इंटरनेट की सहायता से की जा सकती है। यदि खुद पर दृढ़-विश्वास हो व विफलताओं के बाद भी डट कर दोबारा तैयारी करते हुए अपनी कमियों पर काम किया जाए, तो यह एग्जाम कोई भी क्लीयर कर सकता है।

आम व्यक्ति के नजरिए से कहें, तो एएसपी की नौकरी में तनाव। क्या सचमुच ऐसा है?

मैं समझती हूं कि जितना हम जनता के करीब जाएंगे, उतना एक आम नागरिक की पुलिस से अपेक्षाओं को समझ पाएंगे। इसलिए मैं हमेशा कोशिश करती हूं कि लोगों की समस्याएं सुनूं और उनकी समस्याओं का निदान कर पाऊं।

अधिकारी बनने का सपना संजोए युवाओं को किस सोच के साथ सेवा में आना चाहिए?

अधिकारी बनने का सपना संजोए युवाओं को निस्वार्थ सेवा भाव से इस फील्ड में आना चाहिए। सरकार एक अधिकारी के सुख-सुविधाओं का अच्छे से ध्यान रखती है और उसी प्रकार हमें अधिकारी होने के कारण जनता की सुख-सुविधाओं को प्राथमिकता देनी चाहिए।

आईपीएस बनने की सोच रहे नौजवानों को आप तैयारी के लिए क्या टिप्स देना चाहेंगी?

इंटरनेट का अधिक से अधिक फायदा लें। हिंदी या अन्य न्यूजपेपर रोज पढ़ें। अपने नोट्स तैयार करें, ताकि एग्जाम के समय जल्दी से रिवीजन किया जा सके। कोई टेस्ट सीरीज पेपर ज्वाइन कर सकते हैं, ताकि खुद का आकलन कर सकें। अपनी कमियों पर काम करें। अंतिम वर्ष के प्रश्नपत्र का विश्लेषण करें व समझें कि एग्जाम को हमसें क्या डिमांड है। तनाव को दूर करने के लिए अपनी इच्छाओं के लिए समय निकालें, ताकि सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ पढ़ाई की जा सके।

पवन कुमार शर्मा , धर्मशाला


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