एचआरटीसी कर्मियों को सिर्फ झुनझुना

परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने सरकार पर लगाया आरोप, दो साल से नहीं ली सुध

शिमला  – प्रदेश में भाजपा की सरकार को बने हुए दो वर्षों से अधिक का समय हो चुका है, मगर परिवहन मंत्री को कर्मचारियों की समन्वय समिति से बैठक करने का अभी तक समय ही नहीं मिल पाया है। सरकार व निगम प्रबंधन परिवहन निगम के दिन-रात कार्य करने वाले कर्मचारियों की सुध नहीं ले रहे हैं। बहुत लंबे अरसे से निदेशक मंडल की बैठक को बार-बार स्थगित कर आश्वासन का झुनझुना दिखाकर चुप करवाने की कोशिश की जा रही है। यह आरोप हिमाचल परिवहन कर्मचारी संयुक्त समन्वय समिति ने लगाया है। गुरुवार को शिमला में समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक समिति अध्यक्ष सत्य प्रकाश की अध्यक्षता में शिमला में की गई। बैठक में सचिव विद्या सागर, उपाध्यक्ष  उमेश शर्मा व हरि लाल, यश पाल, देस राज, अब्दुल रजाक, ऋषि कुमार, नानक शंडिल, हितेंद्र कंवर, गोपाल लाल, मानसिंह, कृष्ण चंद, कांशी राम, अनिल कुमार, पदाधिकारी मौजूद रहे।  सभी प्रतिनिधियों ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रदेश सरकार को बने दो वर्षों से अधिक का समय हो चुका है, लेकिन परिवहन मंत्री को कर्मचारियों की समन्वय समिति से बैठक करने का अभी तक समय ही नहीं मिल पाया है। कर्मचारियों को केवल मात्र आश्वासन दिए जा रहे हैं। इससे परिवहन निगम के कर्मचारियों में व्यापक रोष पनप रहा है। समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि  निदेशक मंडल की बैठक में ही कर्मचारियों की अनेकों मांगों के पूरा होने की उम्मीदें हैं, लेकिन बैठक न होने से कर्मचारियों में रोष बढ़ता जा रहा है। समन्वय समिति ने निर्णय लिया है कि शीघ्र ही कर्मचारियों की समस्याओं से संबंधित संशोधित मांगपत्र निगम प्रबंधन को सौंपा जाएगा। अगर  उपरोक्त सभी मांगों को शीघ्र पूरा नहीं किया जाता है, तो निगम कर्मचारी आंदोलनात्मक कार्रवाई  करने को मजबूर होंगे, जिससे होने वाली किसी भी प्रकार की हानि के लिए राज्य सरकार व निगम प्रबंधन जिम्मेदार होंगे।

ये हैं कर्मचारियों की मुख्य मांगें

पीस मील कर्मचारियों के लिए पॉलिसी, अनुबंधित चालकों परिचालकों को भी अन्य कर्मचारियों की भांति वेतनमान देना, तकनीकी कर्मचारियों के भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में संशोधन करना, चालकों को वरिष्ठ चालक का पदनाम देना, विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को पदोन्नत करना, सेवारत व सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लगभग 400 करोड़ रुपए की रुकी पड़ी देय राशि की अदायगी करना, चालकों-परिचालकों को प्रतिमाह की 22 तारीख को नाइट ओवरटाइम जारी करना मुख्य मांगें हैं।