कड़ी मेहनत से आईपीएस बन गई सृष्टि पांडेय

By: Feb 26th, 2020 12:22 am

प्रोफाइल

नाम  : सृष्टि पांडेय

जन्मस्थान : जबलपुर (मध्य प्रदेश)

जन्मतिथि : 24 सितंबर, 1991

आईपीएस बैच :  2018

पिता : विनय कुमार पांडेय

माता :  सरला पांडेय

शिक्षा : स्कूलः सेंट जोसफ कॉन्वेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल  जबलपुर, कालेज : जबलपुर से इंजीनियरिंग

अब तक इन पदों पर दी सेवाएं..

मध्य प्रदेश सहकारिता विभाग में बतौर सीईओ, मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में बतौर इंस्पेक्टर और बतौर एडिशनल एसपी (प्रोबेशनर) बिलासपुर में सेवाएं दी हैं। अब 17 फरवरी से तीन माह के लिए सृष्टि पांडेय ने ट्रेनिंग पीरियड के तहत एसएचओ घुमारवीं (बिलासपुर) का कार्यभार संभाला है।

मन  में कुछ करने की चाहत हो तो परिश्रम करना भी अच्छा लगता है। ऐसा ही कुछ लक्ष्य पाले हुए थी, जबलपुर (मध्य प्रदेश) की सृष्टि पांडेय। 24 सितंबर, 1991 को विनय कुमार पांडेय और सरला पांडेय के घर जन्मी सृष्टि ने शुरू से ही ठान लिया था कि  एक दिन आईपीएस बनूंगी।  सृष्टि का कहना है कि कामयाबी के लिए माता-पिता और दोस्तों का साथ  तथा से खुद का भरोसा होना भी जरूरी है। उनकी स्कूली पढ़ाई सेंट जोसेफ कॉन्वेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल जबलपुर से हुई है और कालेज की पढ़ाई जबलपुर से इंजीनियरिंग की है। आईपीएस सृष्टि पांडेय मध्य प्रदेश पब्लिक सर्विस कमीशन (एमपीपीएससी) का दो बार एग्जाम भी क्वालिफाई कर चुकी हैं। पहली दफा 2013 में एमपीपीएससी क्वालीफाई करने पर उन्होंने मध्य प्रदेश सहकारिता विभाग में बतौर सीईओ सेवाएं दीं। इसके बाद वर्ष 2014 में दोबारा एमपीपीएससी क्वालिफाई करने पर मध्य प्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग में बतौर इंस्पेक्टर तैनाती मिली। अपनी इसी जॉब के दौरान उन्होंने अपने आईपीएस बनने के लक्ष्य को पूरा किया व उन्हें आईपीएस का  2018 बैच मिला है। नेशनल पुलिस अकादमी हैदराबाद में आईपीएस की फेज-वन प्रक्रिया को पूरा करने के बाद बैच- 2018 की आईपीएस अधिकारी सृष्टि पांडेय इन दिनों बिलासपुर में जिला प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के तहत तैनात हैं। आईपीएस सृष्टि पांडेय छह माह के ट्रेनिंग पीरियड पर बिलासपुर में तैनात हैं व उन्हें हिमाचल कैडर मिला है। सृष्टि पांडेय की जिला प्रैक्टिकल ट्रेनिंग के पूरा होने के बाद वह मई में वापस हैदराबाद जाएंगी। और वहां फेज-टू के तहत पासिंग आउट परेड की प्रक्रिया को पूरा करेंगी। सृष्टि पांडेय की ट्रैफिक मैनेजमेंट, नशे के मामलों पर ज्यादा फोकस करना व जनता से सीधे तौर पर संपर्क में रहना पहली प्राथमिकता है। वह ड्रिंक एंड ड्राइव को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएंगी, ताकि दुर्घटनाओं को कम किया जा सके। सृष्टि का कहना है कि उनकी प्राथमिकता पुलिस का आधुनिकीकरण करना है। साइबर क्राइम व आपराधिक गतिविधियों की रोकथाम भी उनकी प्राथमिकताओं में से एक है।

मुलाकात : अच्छा अफसर बनने के लिए अच्छा इनसान बनना जरूरी…

आपके अनुसार आईपीएस होने का मतलब क्या है?

देश की जनता की सेवा करना व पुलिस व्यवस्था के ढांचे को इस प्रकार सशक्त करना कि वह अपने कार्य को और अच्छे से कर पाएं। एक सुरक्षित वातावरण में ही विकास को गति मिल सकती है।

आपने स्कूली शिक्षा और कालेज व विश्वविद्यालय की पढ़ाई कहां से पूरी की?

स्कूलिंग सेंट जोसफ कॉन्वेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल  जबलपुर, कालेज जबलपुर से इंजीनियरिंग ।

छात्र के रूप में हासिल उपलब्धियों में आप स्वयं को 10 में से कितने अंक देंगी?

छात्र के रूप में सदैव अपना शत प्रतिशत दिया और ईमानदारी से परिश्रम किया। स्वयं को अंक देना ठीक नहीं होगा।

आप प्रशासनिक सेवा में आए, इसके लिए कब सोचा?

स्कूल के दिनों में ही प्रशासनिक सेवा में आने का निर्णय ले लिया था। कालेज में इसकी तैयारी शुरू कर दी थी।

आपने  सिविल सर्विस परीक्षा में कौन से विषय चुने और क्यों?

राजनीति शास्त्र और अंतरराष्ट्रीय संबंध। इस विषय को रुचि अनुसार चुना।

आईपीएस बनने के लिए आपको कितने प्रयास करने पड़े। इसके लिए प्रेरणा कहां से मिली?

प्रयास तो बहुत करना पड़ा। हर बहुमूल्य वस्तु को पाने के लिए परिश्रम करना पड़ता है। माता-पिता, बड़े भाई और कुछ खास मित्र हमेशा प्रेरित करते रहते थे, लेकिन सबसे अधिक आवश्यक है, स्वप्रेरणा।

आईपीएस के लिए कितने समय तक तैयारी की और रोजाना कितने घंटे तक पढ़ाई की?

कालेज के लास्ट इयर से तैयारी शुरू कर दी थी। प्रत्येक दिन चार से पांच घंटे पढ़ाई कर लेती थी।

कंपीटीटिव एग्जाम के लिए आजकल  कोचिंग का चलन बढ़ रहा है। क्या यह उपयोगी है?

अच्छे अखबार, मंथली मैगजीन और योजना जैसी पत्रिका पढ़ना तो जरूरी है। ऑप्शनल सब्जेक्ट रुचि अनुसार चुनें। शुरुआत एनसीईआरटी की बेसिक किताबों से करें।

आम व्यक्ति के नजरिए से कहें, तो पुलिस अधिकारी की नौकरी में तनाव। क्या सचमुच ऐसा है?

पुलिस की सेवाएं 24 घंटे की होती हैं। हमारी आवश्यकता कठिन परिस्थितियों में होती है। परेशान व्यक्ति पुलिस से उम्मीद रखता है। हर कार्य में तत्परता एवं सतर्कता दिखानी आवश्यक है और यह सब सीमित संसाधनों में करना एक चैलेंज है।

अधिकारी बनने का सपना संजोए युवाओं को किस सोच के साथ सेवा में आना चाहिए?

यदि आप अपने कार्य के प्रति लगाव व रुचि रखते हैं, तो आपको तनाव नहीं होगा। जितनी खुशी से कार्य करेंगे, कार्य उतना अच्छा होगा।

आईपीएस बनने की सोच रहे नौजवानों को आप तैयारी के लिए क्या टिप्स देना चाहेंगी?

देश हित की सोचें। हर कार्य को स्वार्थ रहित होकर करें। अच्छे अफसर बनने से पहले अच्छा इनसान बनना जरूरी है।

लक्ष्य बनाकर उस पर निडरता से टिके रहें। हार्ड वर्क से ज्यादा स्मार्ट वर्क करें। लिमिटेड सोर्सिज को ज्यादा से ज्यादा पढ़ें।

 सन्नी पठानिया, बिलासपुर


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