कण-कण में विद्यामान है भोलनाथ की सत्ता

By: Feb 21st, 2020 12:20 am

अंब – हिमाच्छादित पहाडि़यों से सराबोर हिमाचल प्रदेश शिव-शक्ति का अलौकिक संगम स्थल है। हिमाचल प्रदेश के बारह जिलों में आशुतोष भगवान श्री सदाशिव के असंख्य शिवलिंगों के भव्य मंदिर हैं। जिला चंबा में मणिमहेश शिवालय इसके प्रतीक है। जिला मंडी में श्री त्रिलोकनाथ मंदिर, पंचवक्त्र  मंदिर, अर्द्ध नारीश्वर मंदिर सबसे  प्राचीनतम माने जाते हैं। जिला मंडी शहर का श्री बावा भूतनाथ जी का स्वयंभू शिव लिंग सारे शहर का आराध्य देव माना जाता है। जिला मंडी शहर का महाशिवरात्रि पर्व भारत का अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि-उत्सव का सीधा संबंध बाबा भूतनाथ जी मंदिर से ही संबंधित रहा है। जिला ऊना में प्राचीन पांडवकालीन शिवालयों श्री धौम्येश्वर सदाशिव महादेवन तलमेहड़ा, श्री द्रोणाचार्य शिवमंदिर शिवबाड़ी सोमभद्रा-स्वां नदी तट गगरेट और श्री गौरी गंगा महादेवन जी छोटा हरिद्वार तहसील अंब जिला ऊना में ही स्थित है। कांगड़ा जिला का बैजनाथ धाम शिव मंदिर का संबंध लंकापति रावण से ही संबंधित माना जाता है। जिला किन्नौर और लाहुल-स्पीति में भी अनेक भव्य शिव मंदिर है। कुल्लू जिला का बिजली महादेव जी भी दर्शनीय स्थल हैं। शिमला और सोलन के भव्य शिव मंदिर भी शिव भक्तों की श्रद्धा के परमधाम है। हमीरपुर में गसौता महादेव भी अत्यंत ही प्रसिद्ध शिव मंदिर है। बिलासपुर जिला में भी शिव मंदिर है।  इन शिवालयों के साथ साथ जगदंबा आदि शक्ति उमा के शरीरांश माता चिंतपूर्णी, ज्वालामुखी, कांगड़ा ब्रजेश्वरी धाम, नयना माता जी शिव-शक्ति का अलौकिक सींचन करवाते आ रहे हैं। जिला ऊना में आयोजित महाशिवरात्रि पर्व को सरकारी शिवरात्रि मेला घोषित होने का लंबा इंतजार करना पड़ा है। हिमाचल प्रदेश को इन शिवलिंगों और शिवालयों के कारण महातीर्थ माना जाता है। सारा हिमाचल प्रदेश और हिमाचली शिव भक्त शिवरात्रि महोत्सव को मनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं।


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