काष्ठकला नक्काशी पर दस को ट्रेनिंग

जिला कुल्लू अपनी प्राचीनता के लिए प्रसिद्ध है। लोक कलाएं यहां की प्राचीन सभ्यता की मूल्यवान निधि है।  यहां के पुरातन व खूबसूरत काष्ठ मंदिर व घरों में की गई नक्काशी महान कारीगरी में अपना विशेष स्थान रखती है। जिला भाषा अधिकारी सुनीला ठाकुर ने बताया कि भाषा एवं संस्कृति विभाग द्वारा लुप्त हो रही लोक कलाओं के विकास तथा संरक्षण के लिए समय-समय पर अनेक सेमिनार एवं कार्यशालाओं का आयोजन करवाया जाता है। इसी कड़ी में भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला कुल्लू द्वारा कुल्लवी शैली में काष्ठ कला नक्काशी पर आठ से 17 फरवरी, 2020 तक ठेला गांव में 10 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला लगाई गई। इस कार्यशाला में 10 लोगों ने काष्ठ नक्काशी का प्रशिक्षण प्राप्त किया। इस कार्यशाला में  प्रदीप कुमार प्रशिक्षक के रूप में मौजूद रहे। कार्यशाला की समाप्ति पर प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।