किचन-स्टाफ रूम में पढ़ रहे छात्र, खतरे में भविष्य

शिमला के कुसुम्पटी प्राथमिक स्कूल में छात्रों को झेलनी पड़ रहीं दिक्कतें, प्रार्थना सभा के लिए भी नहीं स्पेस

शिमला –राजधानी शिमला के कुसुम्पटी प्राथमिक स्कूल में छात्रों का भविष्य खतरे में है। यहां प्राथमिक स्कूलों के छात्रों को पढ़ाई का माहौल तो दूर, लेकिन पढ़ने के लिए क्लासरूम तक नहीं है। सुबह-सुबह प्रार्थना सभा करने के लिए भी नन्हें मुन्हें बच्चों को जगह नहीं मिल पा रही है। ऐसे में बड़ी मुश्किल से यहां पर छात्रों को पढ़ाया जा रहा है, या यूं कहें कि जबरदस्ती ही यह स्कूल चलाया जा रहा है, जबकि इस स्कूल को शिमला के नजदीकी स्कूल के साथ मर्ज्ड भी किया जा सकता है। फिलहाल इस स्कूल की हालत कई सालों से ऐसी ही है। बावजूद इसके इस स्कूल की ओर शिक्षा विभाग व प्रदेश सरकार का ध्यान नहीं जा रहा है। स्मार्ट क्लास रूम से लेकर शिक्षा की गुणवत्ता के सभी दावों की पोल यहां पर खुल रही है। फिलहाल इस स्कूल की हालत की बात की जाए तो यहां तीन कमरे हैं जिनमें एक  कमरे में मिड डे मिल बनता है, वहीं बच्चे भी पढ़ते हैं, दूसरे कमरे में स्टाफ रूम है, वहां पर भी बच्चों के पढ़ने के लिए बैंच लगे हुए हैं। बच्चे इन्हीं कमरों में पढ़ने को मजबूर हैं। कारण यहां क्लासरूम के लिए पर्याप्त कमरे नहीं हैं, जिस कारण बच्चों क ो मिड डे मील के कमरे में ही पढ़ाई करनी पड़ती है। हैरानी इस बात की है कि यहां किसी भी दुर्घटना का आंदेशा सदैव बना रहता है। यह बच्चों की जिंदगी से खिलवाड़ है। मिड डे मील बनाने वाले जगत राम ने बताया कि  यहां लगभग 100 बच्चों का खाना बनता है, एक तरफ क्लास लगी होती है, दूसरी तरफ खाना बनता है। इस कारण सिलेंडर फटने का डर बना रहता है। शोर अलग से होता है जिससे पढ़ने में डिर्स्टबेंस होती है। वहीं बच्चों के खेलने का मैदान नहीं है, बाहर छोटे से आंगन में ही प्राथना सभा आयोजित की जाती है। स्टाफ रूम में भी एक तरफ शिक्षकों के बैठने का स्थान है, दूसरी तरफ बच्चों के बैंच लगे हुए हैं। वहीं, स्कूल की हैडमास्टर कविता ठाकुर ने बताया कि यहां दो कमरों की आवयश्कता है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को इस तरफ ध्यान देने की सख्त जरूरत है। बच्चे देश का भविष्य होते हैं, अगर उनको बुनियादी सुविधाएं ही मुहैया नहीं करवाई जाएंगी, तो उनका भविष्य कैसे संवरेगा। गौर हो कि हिमाचल के शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी इसी क्षेत्र से विधायक हैं, फिर भी इस स्क ूल की अनदेखी की जा रही है। 

लीक हो रही पानी की टंकी

स्कूल के साथ लगी पानी की टंकी भी लीक हो रही होती है। सारा पानी लीक हो रहा होता है, जिससे यहां की व्यवस्था पर सवाल उठता है। 

बच्चों के लिए स्मार्ट क्लास रूम नहीं

बच्चों को स्मार्ट क्लास रूम देने के वादे खोखले साबित हो रहे हैं, जहां उन्हें आनलाइन पढ़ाया जाना था उसके स्थान पर वह टूटे-फूटे बैंचों पर पढ़ने को मजबूर हैं।

क्लासरूम की हालत खस्ता

कक्षाओं की दुर्गती हो रही है एवं उनके रखरखाव पर कोई धयान नहीं देता। बच्चों के पढ़ने के बैंच टूटे हुए हैं एवं बैठने की व्यवस्था भी सही नहीं है।