गगरेट में बिना जांच बिक रहा मांस

By: Feb 19th, 2020 12:18 am

बीमारियां फैलने का मंडराने लगा संकट, न तो कोई स्लाटर हाउस और न ही कोई पुख्ता प्रबंध

गगरेट –ये खबर उन लोगों को जरूर विचलित कर सकती है, जो मांसाहारी हैं। जिले में मीट की दुकानों पर बिकने वाला मांस बिना डाक्टरी जांच के ही उपभोक्ताओं के हाथों तक पहुंचाया जा रहा है। बिना जांच के मिल रहे मीट से भी शायद आपको ज्यादा फर्क न पड़े, लेकिन जो विचलित करने वाली बात है वो ये है कि चीन के बुहान में पनपा खतरनाक कोरोना वायरस, वहां की मीट मार्केट से ही इनसानी शरीर तक पहुंचा है। जी हां, जिले में मांसाहारी लोगों की सेहत के साथ जिस प्रकार खिलवाड़ किया जा रहा है, वह इनसानी जिंदगी पर कभी भी भारी पड़ सकता है। जिला में मांस बेचने के लिए कटने वाले जानवरों के लिए न तो कोई स्लाटर हाउस है और ऊना कस्बे को छोड़ कर अन्य स्थानों पर बिकने वाले मांस की कोई डाक्टरी जांच तक नहीं हो रही है। जिले में एक-दो नहीं बल्कि दर्जनों मीट की दुकानें चल रही हैं। यहां पर रोजाना भारी मात्रा में मांस का व्यापार हो रहा है, लेकिन जिंदगी का बेहतर ढंग से मूल्य समझने वाले भी इस भयंकर चूक पर आंखें मूंद कर बैठे हुए हैं। हालांकि चाहिए तो यह कि इनसानी जिंदगी से खिलवाड़ न हो इसके लिए मीट की दुकानों पर बिकने वाले मांस की बकायदा डाक्टरी जांच हो, ताकि यह पता चल सके कि जिस जानवर का मांस लोग खाने जा रहे हैं वह पूर्णतया स्वस्थ है भी या नहीं, लेकिन न तो जिले में अभी तक कहीं स्लाटर हाउस विकसित हो पाए हैं तो न ही मीट की दुकानों पर बिकने वाले मांस की किसी तरह की जांच हो रही है। अब जिस प्रकार चीन के बुहान में करोना वायरस पनपा है उससे इसकी संभावनाएं और भी प्रबल हो गई हैं कि मीट की दुकानों पर बिना जांच के बिकने वाले मांस से इसका सेवन करने वालों को कभी भी इस लापरवाही का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। जाहिर है कि बिना जांच के बिकने वाले मांस से अगर कोई महामारी फैली तो शायद शासन-प्रशासन की आंखें खुलें, लेकिन फिलहाल मांसाहारी लोगों के आसपास एक ऐसा खतरा मंडरा रहा है जिससे वे अंजान हैं। जिले में महज ऊना में ही कुछ मीट की दुकानों पर बिकने वाले मांस की जांच हो पा रही है, लेकिन इस जांच का तरीका भी सही नहीं है। अलबत्ता जिला के अन्य कस्बों में बिकने वाला मांस बिना डाक्टरी जांच के ही बिक रहा है। उधर पशु पालन विभाग के उपनिदेशक डा. जय सिंह सेन का कहना है कि ऊना कस्बे में बिकने वाले मांस की जांच की जाती है। बहरहाल जिले के अन्य कस्बों में स्लाटर हाउस नहीं हैं इसलिए वहां बिकने वाले मांस की सही जांच कर पाना संभव नहीं है।


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