जमीन फोरलेनिंग या एयरपोर्ट में आई, तो इतना मुआवजा

By: Feb 27th, 2020 12:05 am

अपनी साफगोई के लिए चर्चित रहे कांगड़ा-चंबा के सांसद किशन कपूर नए मुद्दों के साथ हाजिर हैं। वह तुलानात्मक दृष्टि से कांगड़ा को बुरी तरह पिछड़ते देखकर आहत हैं। बढ़ती सीमेंट की कीमतों पर वह अपना उदाहरण देकर समझाते हैं कि किस तरह बतौर उद्योग मंत्री उन्होंने पच्चीस रुपए तक दाम घटाए थे। वह बतौर खाद्य मंत्री दाल व तेल के दाम नियंत्रित करने से किस तरह सौ करोड़ की बचत कर पाए या सियासत के बीच खुद को पाक-साफ रखते रहे, इसका पूरा ब्यौरा वह ‘दिव्य हिमाचल टीवी’ के साथ जाहिर करते हैं। 

दिव्य हिमाचल :— अगर केंद्र सरकार भी हिमाचल के विकास के लिए इतनी गंभीर है, तो फोरलेन प्रोजेक्ट क्यों अटके हैं?

किशन कपूरः— पठानकोट-मंडी और शिमला-मटौर फोरलेनिंग पर नितिन गडकरी जी से मिले थे। दरअसल, कुछ अफसरों ने हिमाचल की भौगोलिक परिस्थितियों का हवाला देकर इसे सिर्फ टू-लेनिंग ही रहने देने की बात कही थी, पर हमने पक्ष रखा और मंत्री महोदय ने हमारी बात मानकर जल्द जमीन ट्रांसफर करने के आदेश देकर इनके निर्माण को हरी झंडी दिखा दी है।

दिव्य हिमाचलः— पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान भाजपा ने फोरलेनिंग लटकाने के नाम पर खूब राजनीति की थी, लेकिन दो साल हो चुके हैं, फिर भी कुछ नहीं हुआ…

किशन कपूर :— ऐसा नहीं है। भूतल परिवहन मंत्री स्वयं कह चुके हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कांगड़ा में बड़ा हवाई अड्डा और फोरलेनिंग चाहते हैं। हम पूरी तरह गंभीर हैं।

दिव्य हिमाचल :— एयरपोर्ट विस्तार और फोरलेनिंग के शोर के बीच वे लोग बुरी तरह परेशान हैं, जिनकी जमीन का अधिग्रहण हो सकता है, लेकिन वे नहीं जानते कि कितना गंभीर और कब। क्या उनकी पीड़ा समझी जा रही है?

किशन कपूर :— कुछ ताकतें अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए भ्रम फैला रही हैं। पूरे देश में सर्किल रेट अढ़ाई करोड़ रुपए है, जबकि हिमाचल में नौ करोड़। फिर भी लोगों को उनकी जमीनों का उचित मुआवजा भी मिलेगा और हम उन्हें बसाएंगे भी।

दिव्य हिमाचल :— दोगुना मिलेगा या चार गुणा?

किशन कपूर :— जो मार्केट रेट है, उससे ज्यादा ही मिलेगा।

दिव्य हिमाचल :—  पठानकोट-मंडी ब्रॉडगेज रेल लाइन पर क्या काम हो रहा है?

किशन कपूर :— मैंने यह मामला संसद में उठाया था। मुझे बताया गया कि जो भी संभव होगा, वह जरूर मिलेगा।

दिव्य हिमाचलः— सेंट्रल यूनिवर्सिटी कांगड़ा जिला में कहां और कैसे बने, इस विषय पर आपका क्या स्टैंड है?

किशन कपूरः—  केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए जितनी भी जमीन आवश्यक होगी, ट्रांसफर की जाएगी।

दिव्य हिमाचलः— केंद्रीय विश्वविद्यालय लंबे समय से धर्मशाला, देहरा और शाहपुर के बीच झूल रही है। आरोप लगते रहे हैं कि जब आप निर्णायक भूमिका में थे, तो आपने धर्मशाला के बजाय देहरा की पैरवी की थी। क्या कहेंगे?

किशन कपूरः— ऐसा है, तो आप किसी भी अखबार में इस पैरवी को लेकर छप एक भी शब्द दिखा दीजिए। लोग तो दुष्प्रचार करते हैं। याद रखें, जब कांगड़ा के टुकड़े करने की बात आई थी, तो किशन कपूर ही उसके विरोध में खड़ा हुआ था।

दिव्य हिमाचलः— तो फिर सेंट्रल यूनिवर्सिटी कहां बनेगी?

किशन कपूरः— देहरा में भी बनेगी और धर्मशाला में भी।

दिव्य हिमाचल :— आप हिमाचल कैबिनेट में बतौर मंत्री अपना दायित्व निभा रहे थे, लेकिन फिर आपको सांसद का चुनाव लड़ना पड़ा। आप अपने राजनीतिक जीवन में इस घटन को कैसे देखते हैं?

किशन कपूर :—  देखिए, इनसान का भविष्य कर्म में छिपा होता है। मैं भगवान को मानता हूं, तो मुझे लगता है यह जिम्मेदारी भगवान ने ही दी। हाईकमान से आदेश हुआ और मैंने यह चुनाव लड़ा।

दिव्य हिमाचल :— मंत्री पद त्यागने के बाद सांसद बनकर आप कितने संतुष्ट हैं?

किशन कपूरः— मैं नए दायित्व से शत-प्रतिशत संतुष्ट हूं।

दिव्य हिमाचल :— हिमाचल की संभावित मंत्रिमंडल विस्तार में किन चेहरों को मौका मिलना चाहिए।

किशन कपूर :— यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। मैं इसमें कुछ भी कहने के लिए अधिकृत नहीं हूं।

दिव्य हिमाचल :— कोई ऐसी राजनीति घटना जिसका हर्जाना चुकाना पड़ा।

किशन कपूरः— ऐसी कोई घटना नहीं घटी। बल्कि मैं पार्टी का धन्यावादी हूं कि मुझे योग्यतानुसार काम किया और मैंने उसे ईमानदारी से निभाया।

दिव्य हिमाचलः— आपकी कोई राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा?

किशन कपूर :— मेरी कभी भी कोई भी महत्त्वाकांक्षा नहीं रही। कई लोग मंत्री पद पाने के लिए प्रयास करते हैं, पर मैंने ऐसा कभी नहीं किया। आदरणीय धूमल साहब मुख्यमंत्री थे, ते मेरे पास चार-चार महत्त्वपूर्ण विभाग थे और मैंने पूरी ईमानदारी से काम किया।

दिव्य हिमाचलः— एक विधयक और एक सांसद के रूप में आपका अनुभव क्या है? दोनों दायित्वों में फर्क क्या है?

किशन कपूरः— व्यक्ति जीवन पर्यंत सीखता ही रहता है, चाहे आयु कितनी भी क्यों न हो जाए। मैं भी सीख रहा हूं।

दिव्य हिमाचलः— क्या सियासत में किसी खेमे में होने के कारण आपको नुकसान भी उठाना पड़ा।

किशन कपूरः—  कुछ लोगों की समझ नहीं आती। मुझे पहले कहते थे मैं शांता कुमार का आदमी हूं। अब कहते हैं प्रेम कुमार धूमल का आदमी हूं। अपनी स्वार्थ सिद्धी के लिए लोग कुछ भी कहते हैं। दरअसल मैं भाजपा का कार्यकर्ता हूं और जो मुझ पर विश्वास करते हैं, उसको ईमानदारी से निभाने का प्रयास करता हूं। 

दिव्य हिमाचलः— राजनीति के क्षेत्र में आपका सबसे बड़ा योगदान क्या है?

किशन कपूरः— जो भी विभाग मिला, उसकी कार्यप्रणाली सुधारी। भ्रष्टाचार का मैं सख्त विरोधी हूं। आप भारत का इतिहास देख लें, सीमेंट की कीमतें कभी कम नहीं हुई, पर मैंने हर बोरी 25 रुपए सस्ती करवाई। संतुष्ट हूं कि मैंने जनता की सेवा की। बचत भी उपलब्धि है।

दिव्य हिमाचलः— हिमाचल सरकार को काम के आकार पर आप 10 में से कितने अंक देंगे?

किशन कपूरः— देखिए, मैं एग्जामिनर नहीं हूं। यह काम तो जनता का है और वह रिपोर्ट कार्ड बना रही है।

दिव्य हिमाचलः— बात राष्ट्रीय स्तर पर करें, तो क्या कारण है कि भारत की अर्थव्यवस्था लगातार नीचे जा रही है?

किशन कपूरः— पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था डगमगाई है, लेकिन हम दुनिया की पांचवीं इकोनॉमी बने हैं। इसमें निरंतर सुधार हो रहा है।

दिव्य हिमाचलः— क्या जीवन में कभी निराशा के दौर से भी गुजरे?

किशन कपूरः— जी, ऐसा कभी नहीं हुआ। कई बार कुछ लोग आपको गिराने का प्रयास करते हैं, तो ऊपरवाला भी बैठा है और पार्टी में ऊपर लोग बैठे हैं, उन्हें सबका पता होता है कि कौन, क्या कर रहा है।


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