जान जोखिम में डाल आर-पार कर रहे पुल

By: Feb 27th, 2020 12:20 am

समाणा के लोग परेशान, 2018 में बाढ़ की भेंट चढ़ा था पुल, आपदा प्रबंधन के दावों की खुल रही पोल

कुल्लू –आपदा प्रबंधन को लेकर सरकार और प्रशासन कितनी सजग है, धरातल पर सारे दावे हवा-हवाई साबित हो रहे हैं। यहां बच्चे जान जोखिम में डाल कर अस्थायी पुलिया से होकर हर दिन स्कूल और घर आते-जाते हैं, लेकिन इन बच्चों के दर्द को कोई नहीं जान पा रहा है। सरकार-प्रशासन की ढील कभी बच्चों पर ही नहीं, बल्कि अढ़ाई सौ से ज्यादा लोगों पर भारी पड़ सकती है। यहां बात कर रहे हैं जिला मुख्यालय कुल्लू के साथ सटी लगघाटी  में मानगढ़ पंचायत के समाणा गांव की। पिछले डेढ़ वर्ष से लोग जोखिम भरी स्थिति में नाले को पार कर रहे हैं। रात के समय तो पुलिया पार करनी और भी खतरनाक साबित होती है। हालांकि ग्रामीणों ने इसके बाद भी कई बार पंचायत, प्रशासन और सरकार को अवगत भी करवाया, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पा रहा है। बता दें कि चलाह नामक स्थान पर एक लोहे का पुल बना हुआ था, जहां से होकर समाणा गांव के लोगों का आना-जाना रहता था। सितंबर, 2018 में आई भयंकर बाढ़ की भेंट पुल चढ़ गया है और आज दिन तक अस्थायी पुल का निर्माण नहीं किया गया है और इस ओर किसी ने भी कोई कदम नहीं उठाए हैं, जिससे खासकर स्कूल और कालेज के बच्चों के लिए बड़ी समस्या बनी हुई है। समाणा गांव से शालंग स्कूल और कुल्लू कालेज के लिए हर दिन बच्चे पढ़ाई के आते हैं। खासकर छोटे बच्चों के साथ-साथ बुजुर्गों को यहां बनी अस्थायी पुलिया से होकर आरपार करना मुश्किल होता है। वहीं, बरसात के मौसम में यहां नाले में पानी की बहाव इतना बढ़ जाता है कि पुलिया के ऊपर तक पहुंचता है। नाले को पार करने का यही एक मात्र रास्ता है। ऐसे में कई बार लोगों को ज्यादा पानी बढ़ जाने के कारण वापस भी हटना पड़ता है।  ‘दिव्य हिमाचल’ में इटर्नशिप में आई छात्रा ममता का कहना है कि यहां पर ग्रामीणों ने अपने दम पर पुलिया बनाई है। इस पुलिया से होकर आरपार होते समय काफी डर लगता है। ऐसे में खासकर स्कूल-कालेज के बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना बरसात के मौसम में करना पड़ता है। वहीं, शिल्पा, धनवंती, पार्वती, प्रियंका, कला आदि छात्राओं का कहना है कि यहां पर जल्द पुल बनना चाहिए, ताकि इस समस्या से स्कूली बच्चों को ही नहीं, बल्कि यहां की 265 से अधिक आबादी को निजात मिल सके। उधर, मानगढ़ पंचायत के प्रधान शरवन लाल ने कहा कि वर्ष 2018 में पुल बाढ़ की भेंट चढ़ गया है। इसकी सूचना तुरंत ब्लॉक को दी गई थी और वहां से डीसी तक भी पहुंच गई है। यही नहीं, उनकी पंचायत में तीन जगहों पर पुल बाढ़ में समा गए हैं। पंचायत की ओर से प्रशासन को प्रस्ताव भेजे गए हैं। उनका कहना है कि चलाह में 15 मार्च से पुल का निर्माण कार्य आरंभ होगा। बर्फबारी होने के चलते यह कार्य थोड़ा डिले हो गया था। इसके लिए चार लाख रुपए की धनराशि का प्रावधान जिला प्रशासन ने किया है। इसको लेकर ग्रामीणों का प्रतिनिधिमंडल पूर्व विधायक से मिला था, जिनके प्रयासों से धनराशि का प्रावधान हुआ है।

 


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