डिजिटल ईएमआई का जमाना

By: Feb 3rd, 2020 12:06 am

किश्तों पर उपभोक्ता वस्तुओं की खरीद का चलन 125 फीसदी तक बढ़ा, ऑनलाइन पर ज्यादा जोर

नई दिल्ली – देश के टियर टू और थ्री शहरों में लोंगों के वस्तुओं की खरीद के लिए सुगमता से उपलब्ध उपभोक्ता ऋण का उपयोग करने से किश्तों पर वस्तुएं खरीदने का चलन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। एआई आधारित उपभोक्ता ऋण प्रदान करने वाले प्लेटफॉर्म जेस्टमनी ने रविवार को अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्ष 2019 में ईएमआई वित्तपोषण में 125 फीसदी से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। टियर 2 तथा 3 शहरों के न्यू-टू-क्रेडिट ग्राहकों में 2000 फीसदी की वृद्धि के बल पर डिजिटल ईएमआई अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा बन गया है। ईएमआई वित्तपोषण ने पिछले कुछ वर्षों में ई-कॉमर्स कंपनियां अमेज़न, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, पेटीएम, मेकमायट्रिप, डेकेथलॉन की ऑनलाइन बिक्री में काफी वृद्धि की है। वर्ष 2019 में टियर 1 शहरों में 84 फीसदी, जबकि टियर2 शहरों में 140 फीसदी और टियर 3 शहरों में 145 फीसदी की वृद्धि हुई है। जेस्टमनी की सीईओ एवं सह संस्थापक लिजी चैपमेन ने कहा कि आज के समय में कैश का प्रभुत्व कम हो रहा है और ईएमआई अपनाने को लेकर खासा उत्साह है, जिससे नई टेक आधारित कंपनियों के लिए एक सुदृढ़ वित्तीय इकोसिस्टम का विकास हो रहा है। क्रय शक्ति में वृद्धि देखी जा रही है और भारतीय उपभोक्ता पहले से कहीं अधिक ईएमआई वित्तपोषण का उपयोग करके खर्च कर रहे हैं। ऐसे में यह पता चलता है कि लोग अब अपने बचत के भरोसे न रहकर इस विकल्प पर भी भरोसा कर रहे हैं और अपनी जरूरत के अनुसार खर्च करने में सक्षम हो रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत नकदी अर्थव्यवस्था वाला देश रहा है, लेकिन डिजिटल भुगतान और सुगमता से उपलब्ध वित्त तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। भारत में ई-कॉमर्स के विकास के साथ, वस्तुओं की एक विशाल शृंखला जनता के लिए उपलब्ध है। स्मार्टफोन, कंप्यूटर, परिधान, किराना, उपकरण, यात्रा टिकट और यहां तक कि होटल के कमरे और किराए पर घर आदि उपलब्ध है। विभिन्न ब्रांड भारतीय बाजार में आकर्षक ऑफर के साथ उत्पाद और सेवाएं दे रहे हैं, जो धीमी अर्थव्यवस्था या मंदी के बावजूद उपभोक्ताओं को अधिक खर्च करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

नो-कॉस्ट ईएमआई भायी

भारत के सबसे बड़े फैशन और परिधान ई-कॉमर्स संगठनों में से एक मिंत्रा, खरीदारों को डिजिटल ईएमआई विकल्प प्रदान करता है, जिसमें नो-कॉस्ट ईएमआई भी शामिल है, जिससे ग्राहकों को अपने मासिक वित्त को छेड़े बिना, प्रीमियम उत्पादों पर व्यय करने का प्रोत्साहन मिलता है। हालांकि पहले लोग बचत को प्राथमिकता देते थे, लेकिन आज उपभोक्ता पहले खरीद और बाद में भुगतान करने के लिए तैयार हैं।

पहुंच से बाहर की चीजें भी आसानी से खरीद रहे लोग

डिजिटल ईएमआई की मदद से, उपभोक्ता उन उत्पादों को खरीद रहे हैं, जो उनकी पहुंच से बाहर थे। ईएमआई योजना के साथ चुकाने से जो उन्हें सबसे अच्छा लगता है, वे आसानी से अपने वित्त का प्रबंधन कर सकते हैं और अपनी आकांक्षाओं के साथ समझौता नहीं कर सकते हैं। इसमें कहा गया है कि भारतीय उपभोक्ता ऐसे उत्पादों के को भी ले पा रहे हैं, जिन्हें एक मुश्त में लेना मुश्किल था और अब वे उसी के लिए सस्ती किस्तों में दो या तीन बार में भुगतान कर रहे हैं।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App