डेयरी किसानों को तोहफा

केंद्र सरकार ने बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता

नई दिल्लीसरकार ने डेयरी क्षेत्र में किसानों को दिए जाने वाले ऋणों पर ब्याज सहायता दो प्रतिशत से बढ़ाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया है। इससे देश में ‘श्वेत क्रांति’ को आगे बढ़ाने में मदद मिलने की उम्मीद है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) में लिए गए निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि ब्याज सहायता बढ़ने से 50000 गांवों के 95 लाख किसानों को फायदा होगा। जावडे़कर ने कहा कि डेयरी प्रसंस्करण और अवसंरचना विकास निधि (डीआईडीएफ) के तहत बढ़ी हुई ब्याज सब्सिडी से ‘श्वेत क्रांति’ (दूध उत्पादन से जुड़ी) में नए आयाम जुड़ेगे। उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए संशोधित आबंटन 11184 करोड़ रुपए रखा गया है। डीआईडीएफ के तहत, केंद्र सरकार नाबार्ड को वर्ष 2019-20 (30 जुलाई, 2019 से प्रभावी) से वर्ष 2030-31 तक 2.5 प्रतिशत की ब्याज सहायता प्रदान करेगी और अगर धन की लागत में कोई औरवृद्धि होगी, तो इस बोझ का वहन उधारकर्ताओं को स्वयं उठाना होगा।

फसल बीमा योजना होगी स्वैच्छिक

नई दिल्ली सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक बनाने तथा देश में 10 हजार कृषि उत्पाद संगठन (एफपीओ) बनाने का निर्णय लिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बुधवार को हुयी बैठक में यह निर्णय लिया गया। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना कराने वाले किसानों से बैंक बीमा की राशि में से पहले ऋण की राशि काट लेते थे, लेकिन फसल बीमा योजना को स्वैच्छिक बनाए जाने से बैंक ऐसा नहीं कर पाएंगे।