ढटवाल में 15 घंटे तक ब्लैक आउट

By: Feb 22nd, 2020 12:20 am

मैहरे ट्रांसमिशन यार्ड में फाल्ट आने से पेश आई परेशानी, लोगों को झेलनी पड़ीं दिक्कतें

बिझड़ी –ढटवाल क्षेत्र में कई बार ब्लैकआउट हो रहे हैं। कई घंटों तक लोगों को अंधेरे में रहना पड़ रहा है, लेकिन अधिकारियों के लिए बारिश में लाइट का बंद हो जाना आम बात है। बड़सर विद्युत परिषद के अधिशाषी अभियंता वतन सिंह मैहला के अनुसार प्रकृति के आगे विभाग भी विवश है। बारिश व तूफान से मैहरे बिझड़ी 33 केवी लाइन प्रभावित हो जाती है। मैहरे से बिझड़ी 33 केवी लाइन की वास्तव में यदि जांच की जाए तो सच सामने आ जाएगा कि विभागीय अधिकारी इस लाइन के रखरखाव के लिए कितने संजीदा है। इस लाइन पर कई स्थानों पर पेड़ लाइन पर झुके हुए हैं तो कही उपकरणों की जगह जुगाड़ से काम चलाया जा रहा है। जिसके चलते आम तौर ब्लैकआउट हो रहा है।  ऐसा ही ब्लैकआउट क्षेत्र में 20 फरवरी शाम 7ः30 बजे हुआ। अचानक कोटला सब-डिवीजन के तहत आने वाले क्षेत्र में बिजली गुल हो गई, लेकिन अधिकारियों ने आए फाल्ट को ढूंढने का प्रयास नहीं किया। बस यही मान घर अपने घरों में दुबक गए कि बड़सर से बिझड़ी 33 केवी लाइन में फाल्ट है। सुबह कर्मचारियों ने इस सारी 33 केवी की लाइन की पैट्रोलिंग कर डाली, लेकिन फाल्ट नहीं मिला। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार थक हार कर जब मैहरे ट्रांसमिशन यार्ड की चैकिंग की तो वहीं पर खराबी आई हुई थी जिसे करीब आधा घंटा में ठीक कर दिया गया। तब जाकर सुबह 10 बजे क्षेत्र में बिजली की सप्लाई चली। ऐसे में यदि अधिकारियों व मैहरे यार्ड में कार्यरत लोगों ने रात को ही इस फाल्ट को ढूंढने का प्रयास किया होता तो लोगों को 15 घंटे ब्लैकआउट का सामना नहीं करना पड़ता। वहीं दूसरी ओर कोटला में 132 केवी स्टेशन काम भी लेटलतीफी के कारण लटका हुआ है। दो साल पूर्व में शिलान्यास किए जाने के बावजूद इस पर काम शुरू नहीं हो पाया है। दो साल में केवल मात्र लाइन के लिए आधा अधूरा सर्वे ही हो पाया है। अब ये काम जल्द शुरू हो पाता इसके लिए भी किये गए प्रयास शून्य प्रतीत हो रहे है। 33 केवी मैहरे बिझड़ी लाइन पर सब कुछ ठीक है जुगाड़ जैसा इस लाइन पर कुछ भी नहीं है।

 


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