दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को सौंपी रिपोर्ट, जवानों की कमी के चलते नहीं संभाल पाए दिल्ली की हिंसा

By: Feb 25th, 2020 5:45 pm

पूर्वी दिल्ली में हिंसा की तस्वीरदिल्ली-दिल्ली के नॉर्थ-ईस्ट इलाके में सोमवार से जारी हिंसा में अब तक हेड कॉन्स्टेबल रतन लाल समेत 9 लोगों की जान जा चुकी है। इस हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस की ओर से गृह मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि पर्याप्त सुरक्षा बल नहीं होने के चलते भीड़ को नियंत्रित नहीं किया जा सका।दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने गृह मंत्रालय के शीर्ष अधिकारियों के साथ हुई बैठक में कहा कि सोमवार को उनके पास पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बल नहीं थे। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने गृह मंत्रालय को बताया कि पूर्वोत्तर दिल्ली हिंसा को नियंत्रित करने के लिए उसके पास पर्याप्त बल नहीं था, जिसके कारण स्थिति और बिगड़ गई।

उन्होंने यह भी बताया कि गृह मंत्रालय को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा प्रभावित इलाकों में सशस्त्र पुलिस के एक बटालियन (लगभग 1,000 कर्मियों) को तैनात किया जा रहा है। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि अर्धसैनिक बलों की कुल 35 कंपनियों में से 20 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की यात्रा को देखते हुए पिछले तीन दिनों से दिल्ली की सुरक्षा में तैनात किया गया है।

मालूम हो कि नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के प्रति विरोध जताने के नाम पर शुरू हुए उपद्रव में एक हेड कॉन्स्टेबल सहित नौ लोग की जान जा चुकी है। इसके अलावा अर्धसैनिक बल और दिल्ली पुलिस के 50 से ज्यादा सुरक्षाकर्मी घायल हुए हैं। उन्मादी प्रदर्शनकारियों ने सोमवार को सुरक्षाकर्मियों पर पथराव करने के अलावा घरों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोल पंप को आग लगा दी थी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा मंगलवार को बुलाई गई बैठक में पुलिसकर्मियों की तैनाती के बारे में यह जानकारी दी गई। बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक, कांग्रेस नेता सुभाष चोपड़ा, भाजपा के नेता मनोज तिवारी और रामवीर बिधूड़ी भी शामिल हुए।

इस संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि उच्चस्तरीय बैठक में दिल्ली में पुलिस-विधायक समन्वय मजबूत करने के साथ ही धार्मिक और जाने-माने स्थानीय नागरिकों सहित समाज के सभी तबकों के प्रतिनिधियों के साथ शांति समितियों को पुन: सक्रिय करने का भी निर्णय किया गया। दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में अतिरिक्त बलों के साथ ही विशेष अधिकारियों की तैनाती की जा रही है जहां एक हेड कॉन्स्टेबल सहित सात लोग मारे गए हैं।

अधिकारी ने बताया कि प्रभावित क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करने के लिए दिल्ली पुलिस की एक सशस्त्र बटालियन तैनात की जा रही है। उत्तर प्रदेश और हरियाणा से लगती दिल्ली की सीमाओं पर पिछले तीन दिन से करीब से नजर रखी जा रही है और दिल्ली पुलिस खास तौर पर यहां शाहीन बाग को लेकर उच्चतम न्यायालय के आने वाले फैसले के मद्देनजर पर्याप्त एहतियाती कदम उठा रही है।

पेशेवर आकलन के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा अपने आप भड़की और बलों ने अधिकतम संयम बरता है तथा वे ऐसा करना जारी रखेंगे। गृह मंत्री ने उल्लेख किया कि कई तरह की अफवाहें फैल रही हैं जिससे पुलिस का समय बर्बाद होता है। उन्होंने जनता और मीडिया से जिम्मेदारी से काम करने तथा अफवाहों के प्रसार से बचने की अपील की।

उन्होंने दिल्ली के पुलिस आयुक्त से पुलिस नियंत्रण कक्षों में वरिष्ठ अधिकारियों को तैनात करने को कहा जिससे कि अफवाहों को जल्द से जल्द दूर किया जा सके। शाह ने स्थानीय शांति समितियों को फिर से सक्रिय करने की जरूरत बताई और कहा कि इन समितियों में धार्मिक, जाने-माने स्थानीय लोगों सहित समाज के सभी तबकों के प्रतिनिधि होने चाहिए।

उन्होंने राजनीतिक दलों से कहा कि वे अपने स्थानीय प्रतिनिधियों से संवेदनशील क्षेत्रों में बैठकें करने को कहें। शाह ने वरिष्ठ अधिकारियों को संवेदनशील थानों का जल्द से जल्द दौरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने राजनीतिक दलों से भड़काऊ भाषणों और बयानों से बचने का आग्रह किया। शाह ने सभी दलों की भागीदारी की प्रशंसा की और उनसे संयम बरतने तथा समाधान खोजने के लिए पार्टी लाइन से ऊपर उठकर काम करने तथा राजनीतिक दलों के कैडरों को स्थिति नियंत्रण में होने का आश्वासन देने को कहा।

उन्होंने कहा कि माहौल बिगाड़ने वाले घृणा भाषणों के जवाब में पुलिस चेतावनी जारी करती रही है। इस संबंध में एक अन्य अधिकारी ने कहा कि स्थानीय प्रतिनिधियों से फीडबैक लिया गया है और इसे उपराजयपाल तथा दिल्ली के पुलिस आयुक्त से चर्चा के बाद भविष्य की कार्रवाई को लेकर ध्यान में रखा गया है। शाह ने जोर देकर कहा कि दिल्ली पुलिस की आलोचना से बचने की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि अनावश्यक और अवांछित आलोचना का पुलिस के मनोबल पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस एक पेशेवर बल है और तनाव की स्थिति में आवश्यक बल प्रयोग का निर्णय करने का उसे पर्याप्त अधिकार है।

केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक अरविन्द कुमार भी बैठक में शामिल हुए। संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर सोमवार को उत्तर पूर्वी दिल्ली में अलग-अलग स्थानों पर हुई हिंसा में एक हेड कॉन्स्टेबल सहित सात लोग मारे गए और कम से कम 50 लोग घायल हो गए। घायलों में अर्धसैनिक बल और दिल्ली पुलिस के कई कर्मी भी शामिल हैं। उग्र प्रदर्शनकारियों ने भारी पथराव के साथ ही घरों, दुकानों, वाहनों और एक पेट्रोल पंप को आग लगा दी थी।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App