दूसरे दिन सरकार-विपक्ष के बीच वाकयुद्ध

By: Feb 27th, 2020 12:01 am

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने पहली बार दिखाया आक्रामक अंदाज, नेता प्रतिपक्ष भी एक्शन मोड में दिखे

शिमला – बजट सत्र के दूसरे दिन सरकार व विपक्ष के बीच जबरदस्त वाकयुद्ध हुआ। सदन में पहली बार मुख्यमंत्री ने अपना रौद्र रूप दिखाते हुए नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री को एक के बाद एक नसीहतें दे डाली। बराबरी का पलटवार करते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने भी मुख्यमंत्री को आंखें दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रश्नकाल के दौरान उठाए गए सेवाविस्तार और तबादलों के सवालों पर दोनों नेताओं के बीच जमकर गहमागहमी हुई। शोकोदगार के साथ शुरू हुए बजट सत्र का शांत माहौल उस समय उग्र हो गया, जब सीएम के जवाब पर मुकेश अग्निहोत्री बार-बार टीका-टिप्पणी कर रहे थे। इस पर नाराजगी जताते हुए सीएम ने मुकेश अग्निहोत्री से आग्रह किया कि वह पहले मेरा जवाब आराम से सुन लें। नेता प्रतिपक्ष की आपत्ति थी कि मुख्यमंत्री सेवाविस्तार पर दिए जा रहे जवाब को उलझा रहे हैं। सेवाविस्तार के मुद्दे का जमकर विरोध करने वाली भाजपा ने इसे अपना सिद्धांत बनाया था, फिर अब इस प्रथा को जयराम सरकार ने क्यों जारी रखा है? मुख्यमंत्री ने फिर दोहराते हुए कहा कि मैं विभागीय आंकड़े सदन में पेश कर रहा हूं। बेहतर होगा कि नेता प्रतिपक्ष आराम से पहले पूरा जवाब सुन लें। इस पर दोबारा नेता प्रतिपक्ष ने विरोध जताया। इसके बाद मुख्यमंत्री आक्रामक हो गए। उन्होंने मुकेश अग्निहोत्री को अपना व्यवहार सुधारने की कड़ी नसीहत दे डाली।

सुनने की आदत डालें अग्निहोत्री

सीएम ने जोर देते हुए कहा कि मुकेश अग्निहोत्री को सुनने की आदत डालनी होगी। उनके साथ सदन में सबसे वरिष्ठ व अनुभवी सदस्य वीरभद्र सिंह के रूप में बैठते हैं। मुकेश अग्निहोत्री को उनसे सीखना चाहिए कि सदन के भीतर व्यवहार कैसा होना चाहिए। सीएम का कहना था कि मुकेश अग्निहोत्री जोर देकर अपनी बात कहते हैं। दूसरों को वह सुनने को तैयार नहीं है।

मैं नहीं डरता

जवाबी हमला बोलते हुए मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री डराने व धमकाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन मैं किसी से नहीं डरता। इस पर सीएम ने कहा कि फिर आपसे कौन डरता है? आप किसको डराते-धमकाते हैं? कुछ समय तक दोनों नेताओं की इस तल्खी से सन्न रह गए।

इस मसले पर बिगड़ी बात

दरअसल ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने जनवरी 2015 से जनवरी 2018 के बीच दिए गए सेवाविस्तार का मामला सदन में उठाया था। इस पर मुख्यमंत्री ने बताया कि इस समयावधि में पिछली सरकार ने 2397 अधिकारी-कर्मचारियों को सेवाविस्तार और 1248 को रि-इम्प्लायमेंट का लाभ दिया है। इसके विपरीत भाजपा ने अभी तक के दो वर्षों में 20 अधिकारी-कर्मचारियों को सेवाविस्तार व 243 को रि-इम्प्लॉयमेंट दी है। मुख्यमंत्री के इस जवाब पर मुकेश अग्निहोत्री ने बार-बार विरोध जताना शुरू किया था।


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