देवता महेश्वर करेंगे भक्तों को निहाल

By: Feb 25th, 2020 12:23 am

नेरवा-प्राचीन थरोच रियासत की पांच पंचायतों के मशरांह स्थित अराध्य देव महेश्वर देवता की बहुप्रतीक्षित जातर सोमवार को देवता के पवित्र स्नान के साथ शुरू हो गई। सर्वप्रथम देवता का पवित्र स्नान किया गया,इसके पश्चात देवता की पूजा अर्चना कर जातर मंदिर से शुरू होकर जाबल के मैदान में संपन्न हुई। जातर में ग्राम पंचायत भरानू,मुंडली,मधाना,पौडि़या व थरोच के अलावा न्योल, नेरवा क्षेत्रों से हजारों लोगों ने हाजिरी भरी। देवता की पालकी को मशरांह मंदिर से नचाते हुए करीब दो किलोमीटर दूर जबल मैदान ले जाया गया। देवता की जातर में शामिल देवलू एवं हजारों लोग भी देवधुनों पर खूब झूमे। जाबल पहुंच कर जातर में शामिल श्रद्धालु देवता की पालकी के समक्ष दिन दिनभर दिन भर देवधुनों पर झूमते रहे। शाम को देवता की पालकी को वापस मशरांह लाया गया, जहां पर पालकी को लजाहारी माता के मंदिर के प्रांगण में स्थापित किया गया। मंदिर प्रांगण में रात भर देवता का जागरा चलेगा। जातर का यह सिलसिला पांच दिनों तक इसी प्रकार बदस्तूर जारी रहेगा। सुबह के समय देवता की पालकी को जाबल मैदान ले जाया जाएगा एव सायंकाल वापस जलाहारी माता के मंदिर लाया जाएगा। इस दौरान पाँच दिनों तक देवता की पूजा अर्चना पालकी में ही होगी।   28 फरवरी को विशेष पूजा के बाद देवता को पुनः मंदिर में स्थापित किया जाएगा। देवता की जातर का यह संयोग पच्चास साल बाद बना है। इससे पूर्व 1970 मे देवता की जातर आयोजित की गई थी। बताया जाता है देवता की यह जातर रियासत काल से आयोजित की जाती है। मान्यता है कि जब रियासत का शासक बदलता था तब वह अपने परिवार एवं रियासत की आवाम की सुख स्मृधी के लिए देवता की जातर किया करता था। सोमवार से शुक्रवार पांच दिनों तक मंदिर समिति द्वारा श्रद्धालुओं के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है।

 


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