दो साल बाद भी बाहरी वाहनों से टैक्स नहीं वसूल पाया निगम

By: Feb 26th, 2020 12:20 am

एमसी का सेनिटेशन टैक्स व शराब सेस से करोड़ों कमाने का लक्ष्य धड़ाम

धर्मशाला –नगर निगम धर्मशाला के वित्तीय वार्षिक बजट से कारपोरेशन की आय विभिन्न स्त्रोतों से बढ़ाने की सभी योजनाएं धड़ाम हो गई हैं। हिमाचल प्रदेश के दूसरे नगर निगम धर्मशाला के पेश किए गए अपने चौथे वार्षिक वित्त बजट 2020-21 की हालत देखी जाए, तो कोरपोरेशन ही हालत आगे दौड़ और पीछे चौड़ वाली नजर आ रही है। एमसी धर्मशाला ने अपना चौथा नया बजट मंगलवार को प्रस्तुत किया, लेकिन पिछले वित्तीय वर्ष में निर्धारित खर्च और कार्य अब तक पूरी तरह से पेंडिंग ही चल रहे हैं। नगर निगम ने अपने बजट में अनुमानित की गई धनराशि का प्रयोग उन कार्यों के लिए किया ही नहीं है।  एमसी धर्मशाला बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से दो साल बाद भी सेनिटेशन टैक्स वसूल नहीं कर पाई है, जिससे निगम ने सेनिटेशन से इन्कम के नाम पर एक करोड़ रुपए वसूलने का लक्ष्य भी हवा-हवाई ही रह गया है। इसके अलावा भी पिछले वित्तीय वर्ष की कई अहम योजनाएं अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई है।

साल बाद भी योजना फाइलों में दफन

नगर निगम की बजट सत्र 2018-19 में प्रस्तावित सबसे अहम योजना ही अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। धर्मशाला-मकलोडगंज में हर वर्ष हजारों की संख्या में सैलानियोंे के वाहन देश भर से पहुंचते हैं। प्रस्ताव के तहत बाहरी राज्यों से आने वाले छोटे वाहनों को 60 और बड़े वाहनांे को 120, 150 व 200 रुपए चुकाने का प्लान बनाया गया था, लेकिन पूरा एक साल बीतने के बाद भी एमसी की योजना बजट की फाइलों में ही गुम होकर रह गई है।

हरी झंडी के इंतजार में लटके प्रोपोजल

एमसी ने शहर में शराब सेस और इंटरटनमेंट टैक्स लगाने का भी प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन वह अब तक सरकार की हरी झंडी न मिलने के कारण अधर में ही लटका हुआ है। नगर निगम धर्मशाला में शामिल किए गए नए क्षेत्रों में चार वर्षों के बाद भी कोई टैक्स नहीं लग पाया है। पिछले बजट सत्र में जल्द ही नए क्षेत्र में टैक्स लगाने का प्रोपोजल था, लेकिन इस बजट में भी एमसी नए क्षेत्रों में टैक्स लगाने के लिए तैयार नहीं हो पाया है। इसके अलावा पार्किंग, खस्ताहालत शौचालयों को सुधारने और नए टायलट बनाने की योजना भी अधर में लटकी हुई है

 


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