नाहन में सड़कों पर उतरी एनएसयूआई

नाहन –जिला सिरमौर के सभी सरकारी कालेजों जिसमें डा. वाईएस परमार स्नातकोत्तर महाविद्यालय नाहन के अलावा राजकीय महाविद्यालय शिलाई, सराहां, संस्कृत महाविद्यालय नाहन आदि की एनएसयूआई इकाइयों ने प्रदेश में फर्जी डिग्री बेचे जाने के फर्जीवाड़े को लेकर प्रदेश के राज्यपाल को संबंधित कालेजों के प्रधानाचार्यों के माध्यम से ज्ञापन भेजा। इस दौरान एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया तथा निजी विश्वविद्यालय को शरण देने का आरोप लगाया। एनएसयूआई जिला इकाई के अध्यक्ष धनवीर सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार व विश्वविद्यालय प्रशासन के नाक तले राज्य के छात्रों के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। निजी विश्वविद्यालय लाखों रुपए की राशि हड़प कर फर्जी डिग्रियां बेच रहे हैं जिससे देवभूमि हिमाचली कलंकित हो रही है। एनएसयूआई ने इस दौरान हिमाचल प्रदेश के दो निजी विश्वविद्यालयों एपीजी यूनिवर्सिटी शिमला व मानव भारत विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ शीघ्र कड़ी कार्रवाई की मांग की तथा कहा कि इन विश्वविद्यालयों द्वारा प्रदेश में शिक्षा का व्यापार किया जा रहा है जो शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बहुत बड़ा खतरा है। एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने कहा कि यूजीसी द्वारा इस संबंध में प्रदेश सरकार को करीब सात माह पूर्व सूचित कर दिया गया था परंतु प्रदेश सरकार ने इस मामले में पूरी तरह से लापरवाही बरती है। ऐसे में सरकार प्रदेश के लाखों छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ में भागीदार बन रही है। एनएसयूआई ने इस दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मांग की कि शीघ्र ही इन दोनों विश्वविद्यालयों की मान्यता रद्द की जाए तथा विश्वविद्यालय प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए। इस दौरान नाहन कालेज से कैंपस अध्यक्ष रणदीप ठाकुर, उपाध्यक्ष रोहित राजपूत, सचिव ऋतिक शर्मा, प्रवक्ता अतुल चौहान, पंकज, ऋतिक, तनुज, जबकि संस्कृत महाविद्यालय नाहन से संदीप, महेश्वर, रोहित, हंसराज, अनिल, प्रभाकर, सराहां कालेज से अरुण ठाकुर, शालू ठाकुर, रोबिन ठाकुर, विशाल शर्मा, आंचल ठाकुर आदि एनएसयूआई कार्यकर्ताओं ने संबंधित कालेजों के प्रधानाचार्यों के माध्यम से प्रदेश के राज्यपाल को ज्ञापन भी भेजे।