नैतिकता का सबक जरूरी

By: Feb 28th, 2020 12:05 am

-राजेश कुमार चौहान

स्वामी विवेकानंद ऐसी शिक्षा चाहते थे जिससे बालक का सर्वांगीण विकास हो सके। बालक की शिक्षा का उद्देश्य उसको आत्मनिर्भर बनाकर अपने पैरों पर खड़ा करना था, न कि केवल नौकरी करना, लेकिन अफसोस न तो आज ऐसी शिक्षा देने वाले होंगे और न ही ग्रहण करने वाले। आज तो डिग्रियों का व्यापार होता है। समाज में बहुत से ऐसे लोग मिल जाते हैं जो अपने आप को तो बहुत पढ़ा-लिखा मानते हैं, लेकिन उनकी हरकतों को देखकर ऐसा लगता है कि वे शिक्षित होकर भी अशिक्षित ही हैं। जैसे कि हमारे देश में सबसे बड़ी और शर्मनाक सामाजिक बुराई कन्या भ्रूण हत्या है। इसके लिए मात्र अनपढ़ या गरीब लोग ही जिम्मेदार नहीं हैं, बल्कि कुछ पढ़े-लिखे लोग भी आज की इस वैज्ञानिक सदी में रूढि़वादी विचारधारा में जी रहे हैं, जो शर्मनाक है।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App