पाक जा रहा चीनी जहाज कब्जे में मिसाइल लांचिंग प्रणाली का शक

By: Feb 18th, 2020 12:05 am

गुजरात के पास भारतीय कस्टम विभाग की कार्रवाई

नई दिल्लीपाकिस्तान जा रहे चीन के जहाज दा कुइ युन को भारत के कस्टम विभाग की टीम ने लगभग दो हफ्ते से गुजरात के कंडला बंदरगाह के निकट रोक कर रखा है। इसमें कथित तौर पर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल को लांच करने वाले उपकरण का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा मिला है। इस जहाज ने, जिस पर हांगकांग का झंडा लगा था, चीन के जियांगयिन बंदरगाह से कराची के मोहम्मद बिना कासिम बंदरगाह के लिए गत 17 जनवरी को यात्रा शुरू की थी। इसे तीन फरवरी को भारतीय कस्टम ने रूकवा कर जांच के लिए कंडला बंदरगाह के जेट्टी संख्या 15 पर रोक रखा है। इसकी जांच के बारे में हालांकि कंडला बंदरगाह और कस्टम के अधिकारी पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं, पर सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तरीय खुफिया सूचना के आधार पर इसे रोका गया है। संदेह इसलिए भी अधिक था, क्योंकि यह पाकिस्तान के जिस कासिम बंदरगाह पर जा रहा था, वह पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम विकसित करने वाली संस्था सुपारको के निकट हैं। इसमें चालक दल समेत कुल 22 लोग सवार हैं। सूत्रों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की एक टीम पहले ही इसकी पड़ताल कर चुकी है और एक और दल के इस जहाज पर मिले उपकरण की पड़ताल करने की पूरी संभावना है। हालांकि जहाज का चालक दल यह दावा कर रहा है कि यह उपकरण औद्योगिक ड्रायर है, जिसका उपयोग सुखाने आदि के लिए किया जाता है, पर प्रथम दृष्टया यह लगता है कि यह दरअसल ऑटोक्लेव है, जो मिसाइल लांच करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसकी लंबाई लगभग 17 से 18 मीटर और चौड़ाई करीब चार मीटर है। अगर यह सचमुच ऑटोक्लेव हुआ, तो चालक दल और जहाज के मालिक के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय निर्यात-आयात नियमों के तहत कार्रवाई होगी। सूत्रों ने बताया कि संदेह इसलिए और भी गहरा हो जाता है कि चीन और पाकिस्तान के बीच कई खुले और गुप्त सैन्य समझौते हैं और लगभग तीन दशक पहले चीन ने पाकिस्तान को 30 से अधिक ठोस ईंधन चालित ऐसे मिसाइल देने के लिए करार किया था जो परमाणु अस्त्र ले जाने में सक्षम हैं। सूत्रों ने बताया कि देश के सुरक्षा परिदृश्य के लिए यह एक चिंताजनक बात भी है। इसलिए इसे बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है।

कोरिया का जहाज भी पकड़ा जा चुका

यह कोई पहली बार नहीं है कि इस तरह से किसी विदेशी जहाज को पकड़ा गया है। इससे पहले वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान उत्तर कोरिया के एक जहाज को भी कंडला के निकट पकड़ा गया था, जिसमें जलशोधन उपकरण की आड़ में ले जाए जा रहे मिसाइल उपकरणों को जब्त किया गया था।

पाक अब आतंकियों की सुरक्षित पनाहगाह नहीं

इस्लामाबाद। प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि उनका देश पाकिस्तान ‘अब’ आतंकवादी संगठनों के लिए कोई ‘सुरक्षित पनाहगाह’ नहीं है। हालांकि उन्होंने सार्वजनिक रूप से माना कि शायद पहले ऐसा नहीं था। उन्होंने अफगानिस्तान में शांति पर एक सम्मेलन में यह बयान दिया।

भारत ने तुर्की के राजदूत को सुनाई खरीखरी

नई दिल्ली। भारत ने तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान की जम्मू-कश्मीर को लेकर की गईं टिप्पणियों पर सख़्त नाराज़गी जताते हुए सोमवार को तुर्की के राजदूत को तलब किया और उन्हें कड़ी चेतावनी दी कि उनके नेता भारत के आंतरिक मामलों में लगातार दखलंदाज़ी कर रहे हैं, जिससे भारत और तुर्की के द्विपक्षीय रिश्तों पर बुरा असर पड़ेगा। यह जानकारी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने दी।


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