पूर्व डीआईजी-डीएसपी को कैद

By: Feb 20th, 2020 12:02 am

अमृतसरअमृतसर के अतिरिक्त जिला तथा सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह की अदालत ने राज्य के बहुचर्चित 16 साल पुराने सामूहिक आत्महत्या मामले में बुधवार को सुनवाई करते हुए पूर्व पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) कुलतार सिंह सहित पांच अन्य को दोषी करार देते हुए आठ-आठ वर्ष की सजा सुनाई। जबकि मौजूदा पुलिस उप अधीक्षक (डीएसपी) हरदेव सिंह को चार वर्ष की सजा सुनाई गई है। सजा पाने वाले इन दोषियों में दो महिलाएं भी शामिल हैं। अमृतसर के मोनी चौक क्षेत्र में रहने वाले एक परिवार के छह लोगों द्वारा आत्महत्या करने पर मजबूर करने के मामले पर बुधवार को 16 साल बाद अदालत का फैसला आ गया है। इस मामले में छह लोगों को सजा सुनाई गई है, जिनमें एक पूर्व डीआईजी, एक मौजूदा डीएसपी सहित छह लोगों को सजा सुनाई गई है। इस मामले में दो पुलिस वालों के अतिरिक्त चार लोग मृतक परिवार के रिश्तेदार हैं। मामले के जांच अधिकारी हरदेव को सबूत मिटाने के दोषी पाए जाने पर चार साल की कैद की सजा सुनाई गई है। जबकि डीआईजी कुलतार सिंह एवं बाकी चार अन्य आरोपियों को आठ-आठ साल कैद की सजा सुनाई गई है। अमृतसर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश की अदालत ने छह लोगों के सामूहिक आत्महत्या करने के मामले में गत 17 फरवरी को दोषी करार दिया था। आरोप प्रमाणित होने पर सभी को हिरासत में ले लिया गया था। आरोप पत्र अनुसार 30 अक्तूबर 2004 को चौक मोनी के निवासी हरदीप सिंह समेत उसके परिवार के पांच सदस्यों ने आत्महत्या कर ली थी। पूर्व डीआईजी कुलतार सिंह तब अमृतसर के एसएसपी थे और मौजूदा डीएसपी हरदेव सिंह तब कोतवाली थाने के एसएचओ थे।


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