पैसा खर्च करो, वरना भूल जाओ अगला चुनाव

By: Feb 21st, 2020 12:30 am

हमीरपुर – प्रदेश की जो ग्राम पंचायतें 14वें वित्तायोग के तहत मनरेगा तथा अन्य मदों के लिए स्वीकृत धन राशि का व्यय 31 मार्च तक पूरा नहीं कर पाएंगी, उन पंचायतों के प्रतिनिधियों के अगला चुनाव लड़ने पर कट लग सकता है। प्रदेश सरकार इसे लेकर गंभीरता से विचार कर रही है। दरअसल सरकार ने पंचायतों का अभी तक जो डाटा जुटाया है, उसमें सामने आया है कि अधिकतर पंचायतों के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार की ओर से पंचायतों के विकास के लिए जारी की गई 14वें वित्तायोग की राशि को लेकर ज्यादा गंभीरता नहीं दिखाई। नतीजा प्रदेश की अधिकतर पंचायतों के प्रतिनिधि इस पैसे का पूरा व्यय विकास कार्यों पर नहीं कर पाए और उन पंचायतों में कंडीशन आज भी वैसी है, जैसी पांच साल पहले थी। बता दें केंद्र सरकार की ओर से प्रदेश भर की लगभग 3243 पंचायतों के विकास के लिए हजारों करोड़ रुपए की राशि जारी हुई थी। यहां यह बताना भी जरूरी है कि हर जिले को यह राशि जनसंख्या के हिसाब से जारी होती है। गौरतलब है कि वर्ष 2015 में केंद्र सरकार की ओर से पंचायतों के विकास के लिए करोड़ों रुपए इस सोच को लेकर जारी किए गए थे कि पांच साल बाद ग्रामीण क्षेत्रों की तस्वीर कुछ ओर होगी। इनमें स्वच्छ भारत मिशन के तहत होने वाले कार्यों के अलावा, गांवों में पक्के रास्ते, सोलर लाइटें लगाना, सार्वजनिक शौचलायों का निर्माण, प्राकृतिक जल स्रोतों का रखरखाब, पंचायतों में स्थित पुराने सरकारी भवनों की मरम्मत जैसे काम शामिल किए गए थे। पैसा सीधा केंद्र से आता है, इसलिए इसमें साफ हिदायत होती है कि कोई भी प्रधान, उपप्रधान या अन्य पंचायत प्रतिनिधि 14वें वित्तायोग की राशि से जो काम करवाएगा, उसके सूचना बोर्ड पर अपना नाम नहीं लिखेगा। बोर्ड पर केवल काम का नाम, उसके लिए स्वीकृति और खर्च की गई राशि का ब्यौरा तथा कितने दिनों में काम हुआ इस तरह की जानकारी लिखने के निर्देश थे। कुछ पंचायतों की ऐसी शिकायतें भी पहुंची हैं, जहां प्रधानों ने अपने नाम भी बोर्डों पर लिख दिए।


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