प्रदेश के एससी बहुल 177 गांव बनेंगे आदर्श

By: Feb 14th, 2020 12:30 am

बिलासपुर – प्रदेश में अनुसूचित जाति बहुल 500 या फिर इससे अधिक आबादी वाले गांव आदर्श बनेंगे। प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना के तहत राज्य में लाहुल-स्पीति को छोड़ शेष 11 जिलों के 177 गांवों का चयन किया गया है। प्रत्येक गांव के सुनियोजित विकास के लिए 20-20 लाख रुपए की धनराशि जारी की जाएगी। विलेज डिवेलपमेंट प्रोग्राम तैयार करने के लिए संबंधित पंचायतों को 40 हजार रुपए की राशि भी जारी की जाएगी। जिला कल्याण विभाग के माध्यम से आदर्श गांवों के निर्माण के लिए प्रस्ताव तैयार कर केंद्र सरकार की स्वीकृति को प्रेषित किए जाएंगे। केंद्र की हरी झंडी मिलने के बाद 70ः30 अनुपात में विकासात्मक कार्यों के लिए बजट की अलाटमेंट की जाएगी। बिलासपुर के जिला कल्याण अधिकारी संजीव कुमार शर्मा ने खबर की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को घर द्वार पर ही राज्य और केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिलेगा। सभी स्कीमें इन गांवों में प्रभावी ढंग से लागू की जाएंगी। चयनित गांवों की महिलाओं को नजदीकी अस्पतालों में मैटरनिटी लाभ मिलेगा। आयुष्मान व हिम केयर योजनाओं के तहत पात्र लोगों के स्मार्ट कार्ड बनेंगे और उन्हें घर द्वार ही स्वास्थ्य सहूलियतें उपलब्ध होंगी। इसी प्रकार बच्चों को आंगनबाड़ी फिर प्री-नर्सरी के बाद प्राइमरी एजुकेशन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होंगी। पानी की स्कीमों का जीर्णोद्धार होगा। बिजली का नेटवर्क मजबूत होगा और रोड कनेक्टिविटी के साथ ही अन्य सुविधाएं जनता को वहीं उपलब्ध होंगी। कुल मिलाकर यह आदर्श गांव प्रदेश में एक बेहतर मॉडल बनेंगे। चयनित गांवों के आदर्श निर्माण के लिए दो साल की डेडलाईन होगी। बजट की कमी रहती है तो 10 लाख की और प्रोपोजल स्वीकृति के लिए भेजी जाएगी। स्वीकृति के लिए अगले तीन साल में शेष काम किए जाएंगे।

बिलासपुर के 20 गांव चुने

बिलासपुर में 20 गांव आदर्श बनेंगे। चयनित गांवों में कोठी, निचली भटेड़, दयोली, झंडूता, कोठी, कोसरियां, नौणी, पपलोआ, रानीकोटला, बैहनाब्राहमणां, बैहनाजट्टां, पट्टा, तरसूह, हरनोड़ा, बामटा, हंबोट, डूडियां, बिनौला, बकरोआ और कोसरियां शामिल हैं।


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