प्रॉपर्टी डीलर को मिले विशेष पैकेज

By: Feb 28th, 2020 12:02 am

अंबाला – अंबाला संघर्ष समिति की बैठक निशात बाग अंबाला छावनी में दीपक गुप्ता की अध्यक्षता में संपन्न हुई, जिसमें प्रॉपर्टी कारोबारियों की समस्याओं पर विचार किया गया। इस अवसर पर ओंकार सिंह ने कहा कि आगामी बजट में हरियाणा सरकार मंदी की मार झेल रहे प्रॉपर्टी डीलरों, कॉलोनाइजरों व बिल्डरों को विशेष पैकेज दे। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रियां व कामधंधा बंद होने के कारण प्रॉपर्टी कारोबारी बर्बादी के कगार पर है। अकेले अम्बाला छावनी में पिछले वर्षों में  आर्थिक मंदी के कारण सात बड़े प्रॉपर्टी डीलर आत्महत्या कर चुके हैं, लेकिन सरकार या किसी नेता ने कोई संज्ञान नही लिया, कोई उनकी बात सुनने वाला ही नहीं है।बिल्डरों,प्रॉपर्टी डीलरों व कॉलोनीजरो ने बैंक से जो ऋण ले रखे हैं उनके ब्याज भी नही दिए जा रहे। प्रॉपर्टी कारोबारी समाज  का अभिन्न अंग है, प्रत्येक  प्रॉपर्टी कारोबारी के साथ प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष सैकड़ो कारोबारी व कारीगर जुड़े होते हैं जैसे ईंट भट्ठेवाले, सरिया, सीमेंट, लकड़ी, सैनिटरी,मारबल वाले आदि। प्रॉपर्टी में मन्दे का असर इन सारे कारोबारियों पर भी पड़ता है, जिसके परिणामस्वरूप आम व्यपार में मंदी है। पिछले कई वर्षों से वैध व अवैध कॉलोनियों के नाम पर रजिस्ट्रियां, मुख्तयारनामा आम व खास, लीजडीड, उपहार पत्र आदि सब बंद है, इंतकाल व म्युटेशन समय पर नही होते, नियमित की गई कॉलोनियों में सरकार ने विकास शुल्क तो लेना शुरू कर दिया है लेकिन नक्शे पास नही हो रहे जिसके कारण बैंक ऋण उपलब्ध नही होता और मकान व प्लाट नही बिकते। जिला नगर योजनाकार द्वारा समय समय पर अर्बन एरिया कंट्रोल अधिनियम की धारा 7। के नाम पर जनता व प्रॉपर्टी कारोबारियों को परेशान किया जाता है जबकि अधिनियम में स्पष्ट है कि धारा 7। सिर्फ कृषि भूमि पर लागू होती है निर्मित भू-खंडों व मकानों पर नही। 25-25 वर्षो से कॉलोनियां आबाद है, शत-प्रतिशत मकान बन चुके हैं, यहां तक कि सरकार ने वहां पर बिजली,पानी,सीवर स्ट्रीट लाइट,नालियां,सड़कें व विकास की अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवा दी हैं फिर यह कॉलोनियां अवैध कैसे। बढ़ती हुई जनसंख्या को समुचित संख्या व सस्ते दाम पर प्लाटध्मकान सरकार उपलब्ध नही कर सकती। सरकारी हुडा के 100 प्लॉटों का ड्रा होता है तो दो लाख आवेदन आते हैं, फिर उनका रेट गरीब जनता की समझ से परे होता है। प्रॉपर्टी डीलर, कॉलोनाइजर व निजी बिल्डर ही इस समस्या का समुचित समाधान कर सकते हैं। इस  अव्यवस्था से आम जनता व छोटे निवेशक भी परेशान हैं। प्रॉपर्टी कारोबारी क्या करें, वे भी समाज के विशिष्ट व महत्वपूर्ण अंग तो है, लेकिन राजनेता सिर्फ और सिर्फ चुनाव के समय इन भोले-भाले व्यपारियो का प्रयोग करते हैं और बाद में इन्हें मिलने तक का समय नही देते।


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