फूल वही उगाएं, जो हिमाचल को रास आएं

नौणी यूनिवर्सिटी में राज्य स्तरीय कार्यशाला में बोले बागबानी एवं सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर

नौणी –डा. यशवंत सिंह परमार, बागबानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी में ‘प्रैक्टिसिस ऑफ पैकेजिज फॉर फ्रूट एंड ओर्नामेंटल क्रॉप्स’ विषय पर दोदिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का शुभारंभ मंगलवार को हुआ। कार्यशाला में  जलशक्ति, बागबानी एवं सैनिक कल्याण मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। कार्यशाला का शुभारंभ करने के उपरांत महेंद्र सिंह ठाकुर ने उपस्थित वैज्ञानिकों एवं बागबानी विभाग के अधिकारियों एवं अन्य को संबोधित करते हुए कहा कि वे फलों एवं पुष्पों की ऐसी किस्में तैयार करें जो हिमाचल की जलवायु के अनुरूप हों और कीटरोधी हों। उन्होंने इससे पूर्व विश्वविद्यालय में 20 लाख रुपए की लागत से निर्मित पुष्प खेती की क्षेत्रीय प्रयोगशाला एवं विक्रय केंद्र का लोकार्पण भी किया। महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि वैश्विक उष्मता के कारण खेती एवं बागबानी पहले से कहीं अधिक चुनौतीपूर्ण हो गई है और इस कारण वैज्ञानिकों का कार्य भी बढ़ गया है। उन्होंने वैज्ञानिकों से आग्रह किया कि वे अपने अनुसंधान के माध्यम से किसानों एवं बागबानों की समस्याओं का समाधान उनके खेत एवं बागीचे में करें। उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय को फलदार पौधों की ऐसी सदाबहार किस्में तैयार करनी चाहिए, जो ऊष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों के लिए सर्वथा अनुकूल हों। उन्होंने वैज्ञानिकों से सेब की भी ऐसी किस्में तैयार करने का आग्रह किया, जो प्रदेश की जलवायु के अनुकूल एवं दीर्घ अवधि में लाभदायक हों। उन्होंने उपस्थित सभी बागबानी अधिकारियों से आग्रह किया कि क्षेत्रीय स्तर से कोई भी शिकायत आती है तो अधिकारी स्वयं उस स्थान पर जाकर समस्या का निपटारा करें और लघु एवं सीमांत किसानों की समस्याओं को समयबद्ध निपटाएं। विश्वविद्यालय के कुलपति डा. परविंद्र कौशल ने मुख्यातिथि का स्वागत करते हुए कहा कि यह कार्यशाला सात वर्ष की अवधि के उपरांत आयोजित की जा रही है। उन्होंने अनुसंधान गतिविधियों के लिए आर्थिक सहायता की मांग भी की। बागबानी विभाग के सचिव अमिताभ अवस्थी ने कहा कि विश्वविद्यालय का मुख्य कार्य उद्यान एवं वाणिकी के क्षेत्र में नए शोध करना तथा इस विषय में किसान-बागबानों को जागरूक करना है, ताकि किसान- बागबानों को नई किस्मों को अपनाकर लाभान्वित हो सकें। इस कार्यशाला में निदेशक अनुसंधान जेएन शर्मा, निदेशक विस्तार शिक्षा राकेश गुप्ता सहित बागबानी विभाग के अधिकारी एवं अन्य उपस्थित रहे।