बच्ची की मौत का सच जानने पहुंचे एसपी, दुकानदारों से की पूछताछ
दौलतपुर चौक में 24 जनवरी को सेप्टिक टैंक में गिर कर हुई थी मौत; एसपी ने लिया घटनास्थल का जायजा, 15 दिन के अंदर दाखिल करो चार्जशीट
दौलतपुर चौक-सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र दौलतपुर चौक में अढ़ाई वर्षीय नन्ही परी के ढक्कन रहित सैप्टिक टैंक में गिरकर हुई मौत के मामले में जिला ऊना के नए पुलिस कप्तान ने पुलिस टीम सहित गुरुवार रात्रि घटनास्थल का जायजा लिया और सीन ऑफ क्राइम को देखा। साथ ही 15 दिन के अंदर इस मामले में चार्जशीट दाखिल करने की बात कहीं। एसपी ऊना डा. कार्तिकेयन गोकुल चंद्रन ने इस दौरान सीन ऑफ क्राइम देखने के बाद जांच का विषय पाया गया कि जिस रास्ते से परी ढक्कन रहित सेप्टिक टैंक में जाकर गिरी क्या वह सरेआम रास्ता था, क्या उक्त रास्ते को आने-जाने के लिए इस्तेमाल किया रहा था। क्या लोगों को इस बारे में जानकारी थी। उन्होंने सभी पहलुओं को गंभीरता से जांचा। इस दौरान हकीकत जानने हेतु उन्होंने निकटवर्ती दुकानदारो से बातचीत कर तथ्य जुटाए। एसपी ऊना अस्पताल परिसर में आधा घंटा रहे और विभिन्न पहलुओं से जांच की, ताकि पता चल सके कि आखिर नन्ही परी की मौत का दोषी कौन है। इस मौके पर उन के साथ डीएसपी अंब मनोज जम्वाल, चौकी प्रभारी तरसेम लाल सहित अन्य पुलिस कर्मचारी उपस्थित रहे। गौर रहे कि शुक्रवार 24 जनवरी 2020 को दिनदहाड़े अढ़ाई वर्षीय नन्ही परी खेलते-खेलते सेप्टिक टैंक में गिर गई थी और दो घंटे बाद जब उसे सेप्टिक टैंक से निकाला गया था तो बच्ची की कुछ देर बाद मौत हो गई थी। गत 11 फरवरी को अढ़ाई वर्षीय नन्ही परी के मामले की जांच धीमी गति से चलने पर परिजनों ने कड़ा रोष जताया था। नन्ही परी के माता-पिता ने प्रशासन को दो टूक चेतावनी देते हुए चेताया कि या तो परी की मौत की जांच 10-12 दिन के अंदर पूरा करके दोषियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाए, अन्यथा वो अस्पताल परिसर में धरना देंगे। नन्ही परी की मां कमलेश कुमारी एवं पिता भूपेंद्र सिंह ने रुंधे स्वरों ने कहा था कि उनकी नन्ही परी को मौत के आगोश सोए हुए काफी समय हो गया, परंतु अभी तक उन्हें न्याय नहीं मिला। शायद इसी को देखते नए एसपी साहब ने कड़ा संज्ञान लिया और जांच हेतु घटनास्थल पर खुद पहुंचे। इससे पहले घटना वाले दिन शुक्रवार 24 जनवरी को अढ़ाई वर्षीय नन्ही परी की मौत के वाद आनन-फानन में पुलिस द्वारा जिस व्यक्ति को ठेकेदार समझ आरोपी बनाया वो प्लंबर निकला था और उसके पास ठेकेदार तक लाइसेंस नहीं था, जिस वजह से उक्त प्लंबर सहित पीडि़त पिता ने भी सोशल मीडिया पर मामले की लापरवाही से जांच पर खूब भड़ास निकाली थी। जबकि स्थानीय लोगों और विपक्ष ने भी इस मुद्दे को उछालने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इस पर इस मामले की जांच डीएसपी अंब मनोज जम्वाल को सौंपी गई थी। वहीं, अस्पताल परिसर में सीन ऑफ क्राइम देखने के बाद एसपी ऊना डा. कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन ने बताया कि पुलिस मामले की गहनता से जांच कर रही है। 15 दिन में जांच पूरी होने की पूरी हो जाएगी। इसके तुरंत बाद चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी।
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