बड़े टूरिज्म प्रोजेक्ट देवेश कुमार के हवाले

By: Feb 21st, 2020 12:03 am

सेक्रेटरी टू सीएम को सौंपा पर्यटन विभाग की अहम परियोजनाओं की मॉनिटरिंग का जिम्मा

शिमला – वर्ष 1998 बैच के आईएएस अधिकारी देवेश कुमार को सीएम ऑफिस में अहम जिम्मेदारी सौंपी गई है। मुख्यमंत्री के सचिव तैनात किए गए देवेश कुमार पर्यटन विभाग के महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्टों की समीक्षा करेंगे। सरकार ने उन्हें पर्यटन विभाग की महत्त्वाकांक्षी योजनाओं की मॉनिटरिंग का जिम्मा सौंपा है। मुख्य सचिव अनिल कुमार खाची ने देवेश कुमार के इस नए दायित्व की अधिसूचना जारी की है। इसमें कहा गया है कि टूरिज्म डिपार्टमेंट के प्रोजेक्टों के को-आर्डिनेशन और मॉनिटरिंग का जिम्मा उनके हवाले रहेगा। इसके लिए वह हर सप्ताह पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे। करीब सवा दो साल पहले जयराम सरकार ने सत्ता संभालते ही वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मनीषा नंदा को पर्यटन विभाग सौंपा था। इसके बाद अतिरिक्त मुख्य सचिव रामसुभग सिंह को पर्यटन का जिम्मा सौंपा गया। उनके कार्यकाल में एडीबी-टू के लिए 1892 करोड़ की मंजूरी हुई। इसके अलावा चांशल, बीड़-बिलिंग तथा शिकारी देवी के लिए महत्त्वाकांक्षी परियोजनाओं को गति दी गई। इसके अलावा प्रसाद योजना, हेलिटैक्सी सेवा तथा संजौली में हेलिपोर्ट निर्माण की कवायद शुरू हुई। साथ ही शिवधाम, बिजली महादेव रोप-वे परियोजनाओं सहित धर्मशाला-मनाली और शिमला में पर्यटन को पंख लगाने के लिए अहम निर्णय हुए। सरकार ने इस दौरान श्रीनयनादेवी-आनंदपुर साहिब रोप-वे परियोजना का एमओयू भी धरातल पर उतारा। इसी बीच रामसुभग सिंह को हटाकर सरकार ने मुख्य सचिव बीके अग्रवाल को पर्यटन विभाग का दायित्व सौंप दिया। कुछ समय बाद मुख्य सचिव बने डा. श्रीकांत बाल्दी ने पर्यटन विभाग को गति देने का प्रयास किया। मुख्य सचिव  पद से डा. श्रीकांत बाल्दी की रिटायरमेंट के बाद सरकार ने वरिष्ठ अधिकारी एसीएस आरडी धीमान को पर्यटन विभाग का दायित्व सौंपा। अब सरकार ने पर्यटन विभाग पर फोकस करते हुए महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्टों को देवेश कुमार के सुपुर्द कर दिया है।


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